भोपाल। मध्य प्रदेश के राजस्व मंडल में अजब-गजब हाल है। दस्तावेज में भलेही नाम चले, लेकिन हकीकत में राजस्व मंडल ठप पड़ा हुआ है। पिछले छह माह से यहां न कोई केस सुना गया न निराकरण हुआ। अब इस समय अध्यक्ष सीनियर आईएएस अश्विनी कुमार राय हैं और प्रशासनिक सदस्य मनु श्रीवास्तव हैं। एक सदस्य और होता है तभी कोरम पूरा माना जाता है। इस सदस्य पद पर किसी की भी नियुक्ति नहीं है, यही सुनवाई न होने का कारण है। जब सदस्य की नियुक्ति होगी तभी कोई कामकाज आगे बढ़ेगा। दिसंबर 2021 तक राजेश बहुगुणा सदस्य पद पर थे, इसके बाद से यह पद खाली है। यहां द्वितीय अपील में आने वाले बंटवारे-नामांतरण के प्रकरणों पर सुनवाई की नहीं, आगे बढ़ाने की तारीख चढ़ती जा रही हैं।
मध्य भारत क्षेत्र में मध्य भारत राजस्व मंडल अध्यादेश 1948 के अधीन राजस्व मंडल का गठन किया गया था। मंडल का गठन मप्र भू राजस्व संहिता 1959 के अन्तर्गत किया गया है। राजस्व मंडल प्रदेश में भू-राजस्व संहिता के अन्तर्गत राजस्व प्रकरणों की अपीलें-निगरानी सुनने की उच्चतम संस्था है। राज्य शासन द्वारा ग्वालियर को मंडल का प्रधान स्थान नियत किया गया है। राजस्व मंडल में द्वितीय अपील आती हैं। वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजस्व मंडल की समीक्षा करने की शक्ति को खत्म कर दिया था, इसलिए रिवीजन के पुराने मामले ही चल रहे हैं। अब राजस्व मंडल बंटवारे-नामांतरण की द्वितीय अपील सुनता है। सीमांकन तक के मामले यहां नहीं आते हैं, वे सीधे एसडीएम के बाद लोगों को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ता है। राजस्व मंडल को मोतीमहल से झांसी रोड स्थित नए राजस्व भवन में शिफ्ट किया गया है।
इनका कहना है
राजस्व मंडल में दिसंबर 2021 से एक सदस्य का पद खाली है, लगभग छह माह से यही स्थिति है। पूर्ण मंडल होने की स्थिति में ही मंडल कार्य कर सकता है। द्वितीय अपील यहां आती हैं और 2018 के पहले के रिवीजन के मामले चल रहे हैं।
वीरेंद्र कुमार सिंह, सचिव, राजस्व मंडल
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