इन्दौर। 9 अक्टूबर को आचार संहिता लगने के बाद से कलेक्टर कार्यालय सहित सभी सरकारी महकमों की कार्यप्रणाली थम गई थी, लगभग 45 दिन की थमी चाल को एक बार फिर गति देना शुरू किया जा रहा है। कलेक्टर ने अधिकारियों को 15 दिन के अंदर निर्वाचन के बाकी कामों को निपटाने के साथ टेबलों पर लगे फाइलों के अंबार को निपटाने के लिए मैनेजमेंट प्लान बनाने के निर्देश दिए। 17 नवम्बर को होने वाली मतदान की तैयारियों और 3 दिसम्बर को हुई मतगणना के लिए जिला प्रशासन पिछले चार महीनों से लगातार तैयारियों में जुटा था। 45 दिन आचार संहिता के और उसके पूर्व मतदाता सूची शुद्धिकरण में एड़ी चोटी का जोर लगाने के लिए पूरे दलबल को झोंक दिया गया। जिसके चलते विभागीय काम न के बराबर ही हो रहे थे। सीएम हेल्पलाइन से लेकर जाति प्रमाण पत्र, नकल शाखा, तहसील कार्यालय, खसरा, खतौनी जैसे छोटे छोटे काम के लिए भी आवेदकों को सिर्फ तारीख पर तारीख ही मिल रही थी। एसडीएम तहसीलदार से लेकर पटवारी तक का पूरा महकमा चुनाव के कार्य में लगा था, जिसके चलते हजारों की सैकड़ों की तादाद में फाइलें पेन्डिंग होती गई। अब इस पेन्डेंसी को निपटाने के लिए कलेक्टर ने अधिकारियों को मैनेजमेंट प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। हर विभाग की समीक्षा करने के साथ पल पल की रिपोर्ट सौंपने के आदेश भी दिए गए हैं।
अब नहीं चलेगी लेटलतीफी
लम्बे समय से उच्चाधिकारियों के निर्वाचन कार्य में व्यस्त होने के कारण कलेक्टर कार्यालय के कर्मचारियो में अराजकता का माहौल था। मनमानी इस कदर हावी थी कि 10 बजे पहुंचने वाले कर्मचारी भी आराम से आफिस आ रहे थे। कलेक्टर ने सख्त निर्देश जारी करते हुए लेटलतीफी करने वालों पर कार्रवाई की बात कही। ज्ञात हो कि लम्बे समय से कर्मचारी जिन्हें निर्वाचन की ड्यूटी से मुक्त रखा गया था। वे मनमाना रवैया अपना रहे थे। देर से आने और जल्दी चले जाने का आलम कार्यालय में काबिज था। कलेक्टर ने सामाजिक न्याय विभाग द्वारा तैयार किए जा रहे परिसर की समीक्षा भी की, जिसमें लोक निर्माण विभाग पीआईयू की गड़बड़ी सामने आई और उन्होने कार्यपालन यंत्री प्रदीप सक्सेना को शोकाज नोटिस भी जारी किया।
मानदेय और फाइलें बनाने का काम बाकी
निर्वाचन कार्य में लगे कर्मचारियों और अधिकारियों के मानदेय भुगतान के साथ साथ निर्वाचन विभागों में ड्यूटी से रिलिविंग का कार्य भी किया जाना है, जिसके लिए कलेक्टर ने 15 दिन के अंदर बचे हुए काम पूरे किए जाने और अधिकारियों और कर्मचारियों को जल्द से जल्द निर्वाचन कार्य से मुक्त किए जाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने नेहरू स्टेडियम को जल्द से जल्द खाली करने और खिलाडिय़ों के लिए अनुकूल बनाकर सौंपने के निर्देश देते हुए कहा कि निर्वाचन के कार्य में शिक्षा विभाग के किसी भी अधिकारी और कर्मचारी को अटकाया नहीं जाए, बच्चों की परीक्षाओं का दौर है। शिक्षा विभाग को पूरी तरह से मुक्त रखा जाए।
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