नई दिल्ली: दिल्ली की हवा न केवल जहीरीली होती जा रही है, बल्कि अब पूरी तरह से राजधानी गैस चैंबर में तब्दील हो चुकी है. हर दिन प्रदूषण का लेवल बढ़ता ही जा रहा है और दिल्लीवालों का दम घुटने लगा है. यही वजह है कि दिल्ली सरकार दिल्ली में प्रदूषण से बचने और इसके उपाय के तौर पर एक नए प्लान के साथ सामने आई है. दिल्ली सरकार ने लोगों से घर से काम करने की अपील की है, साथ ही उन्होंने शेयर्ड ट्रांसपोर्ट यूज करने को कहा है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए लोगों से घर से काम करने, वाहन साझा करने की अपील करती है. बता दें कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता बुधवार को भी खराब हो गई तथा वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘गंभीर’ श्रेणी में रहा.
गोपाल राय ने आगे कहा कि भाजपा को पराली जलाने के लिए किसानों को कोसना बंद करना चाहिए, वह कृषि कानूनों के खिलाफ हुए प्रदर्शनों की वजह से किसानों से नफरत करती है. भाजपा अब किसानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग कर रही है. बदला ना लें, उनका साथ दें. वायु प्रदूषण की समस्या राजनीति के जरिये दूर नहीं की जा सकती. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की योजना को उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी लागू करने की जरूरत है.
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आरोप लगाया था कि भाजपा की विचारधारा वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के पक्ष में है, क्योंकि पार्टी ने पटाखे फोड़ने के समर्थन में तो आवाज उठाई लेकिन पंजाब सरकार को पराली नहीं जलाने के लिए किसानों को नकद प्रोत्साहन प्रदान करने में मदद नहीं की. उन्होंने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निर्देश के बगैर, वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को कम करने के लिये ‘रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ’ अभियान को लागू करने पर रोक नहीं लगाते.
दिल्ली की वायु गुणवत्ता में मौसम की अपेक्षाकृत बेहतर परिस्थितियों के कारण बुधवार सुबह मामूली सुधार हुआ. मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि वायु गुणवत्ता में गुरुवार से तेज हवाएं चलने के कारण सुधार होने की उम्मीद है. राष्ट्रीय राजधानी में न्यूनतम तापमान 15.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के औसत तापमान से एक डिग्री अधिक है और बुधवार सुबह करीब आठ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं. हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार के कारण सुबह नौ बजे पालम और सफदरजंग हवाई अड्डों पर बेहतर दृश्यता स्तर (1500 मीटर) रहा.
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