नई दिल्ली। साल 1999 की गर्मियों में जब करगिल युद्ध(Kargil War) छिड़ा था तब जनरल वीपी मलिक भारत के सैन्य प्रमुख (Former Army Chief General VP Malik) थे। जनरल वीपी मलिक (General VP Malik) मानते हैं कि इसने भारत(India) और पाकिस्तान(Pakistan) के बीच रिश्ते को एकदम बदलकर रख दिया। हालांकि, इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तान को खदेड़ कर रख दिया था लेकिन एक मलाल जनरल वीपी मलिक के मन में आज भी बरकरार है। जनरल वीपी मलिक का मानना है कि सीजफायर (ceasefire) का ऐलान करने से पहले ही भारत सरकार को अपनी सेना को एलओसी से सटे पाकिस्तानी क्षेत्रों पर कब्जा (Occupation of Pakistani areas along the LoC) करने की इजाजत दे देनी चाहिए थी।
ण्क इंटरव्यू में जनरल वीपी मलिक ने कहा, ‘जब युद्ध शुरू हुआ तब हमें कुछ भी नहीं पता था और हम पाकिस्तान की ओर से अचानक पैदा की गई स्थिति का सामना कर रहे थे। खुफिया तंत्र और सर्विलांस के फेल्योर की वजह से सरकार के अंदर घुसपैठियों की पहचान को लेकर काफी भ्रम की स्थिति थी। हमारी फ्रंटलाइन फॉर्मेशन घुसपैठ का पता लगाने में नाकामयाब रही थी और हमें उनकी लोकेशन के बारे में कुछ पता नहीं था। कुछ समय बाद भारतीय सेना करगिल में अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हुई, तब उन्हें (सरकार) संघर्षविराम पर राजी होने से पहले, हमें LoC से सटे कुछ पाकिस्तानी क्षेत्रों पर कब्जा करने की इजाजत देनी चाहिए थी।’
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