नई दिल्ली। तालिबान (Taliban) के अफगानिस्तान(Afghanistan) पर कब्जा जमा लेने के बाद काबुल (Kabul) में फंसीं भारतीय पत्रकार कनिका गुप्ता (Indian journalist Kanika Gupta)समेत 120 से अधिक भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाया गया है. स्वदेश लौटने के बाद महिला पत्रकार कनिका गुप्ता (journalist Kanika Gupta) ने हालात के बारे में बताया।
अफगानिस्तान(Afghanistan) में रहीं कनिका गुप्ता (Kanika Gupta) ने कहा, ‘हाल के दिनों के हालात को करीब से देखा. अभी कह पाना संभव नहीं है कि वे (तालिबान) बदल गए हैं या नहीं बदले हैं. मैं वहां मुश्किल से डेढ़ दिन थी जब तालिबानी वहां आ गए और काबुल पर कब्जा कर लिया. इस डेढ़ दिन के दौरान अकेले काबुल में शांति बनाए रखने की वे कोशिश कर रहे थे और बाकी शहरों के बारे में मुझे नहीं पता. क्योंकि हमें घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी. इस तरह जितनी रिपोर्टिंग मैंने की और जितना मुझे पता है वो मेरे घर की बाउंड्री में ही सीमित रहा. और जितना मैं घर की खिड़की से देख पा रही थी उससे लग रहा था कि वहां पर काफी टेंशन थी.’
अफगानिस्तान में करीब 2 महीने रहने वाली कनिका गुप्ता ने कहा, ‘जैसे ही वहां खबर आई कि तालिबान वहां आ गए हैं तो वहां हर कोई टेंशन में आ गया. वहां अफरातफरी मच गई. लोग घबरा गए. कुछ लोग अपने घरों की ओर से भागे तो कुछ एयरपोर्ट की ओर भागे.’
भारत के लिए रवाना होने से पहले के हालात के बारे में कनिका ने बताया कि जब मैं सोमवार को भारतीय दूतावास जाने के लिए निकली तो रास्ते में एक भी चेक प्वाइंट नहीं मिला. पहला चेक प्वाइंट जो मिला वो दूतावास के बाहर मिला. वहां पर उन्होंने मुझसे कुछ सवाल किए और फिर मना कर दिया अंदर जाने से. इस वजह से हम 2 घंटे दूतावास के बाहर ही बैठे रहे. काफी बातचीत के बाद उन्होंने मुझे अंदर जाने दिया. इस दौरान उन्होंने मेरे साथ बुरा व्यवहार नहीं किया.
उन्होंने कहा कि उनका व्यवहार मेरे साथ अच्छा रहा था. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उनका शासन बहुत अच्छा है या बहुत बदल गए हैं. इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता.
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