भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने ऐलान किया है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Public Distribution System) राशन दुकानों के संचालन का काम अब महिला स्वयं सहायता समूहों (Women Self Help Groups) को सौंपा जाएगा। समूहों के आय स्तर में वृद्धि के लिए श्रेष्ठ काम करने वाले क्लस्टर लेवल फेडरेशन (Cluster Level Federation) को एक करोड़ रूपए का ईनाम दिया जाएगा। राजधानी स्थित भोपाल हाट में समूहों के उत्पादों की बिक्री के लिए आजीविका मार्ट की स्थापना की जाएगी। व्यापार बढ़ाने के लिए ऑनलाइन कॉमर्स पोर्टल (Online Commerce Portal) के साथ भी लिंकेज किया जाएगा। मुख्यमंत्री महिला समूहों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व-सहायता समूहों को विभिन्न गतिविधियों के लिए राज्य सरकार की ओर से 1050 करोड़ रूपए की सहायता दी जाएगी। बैंक ऋण पर स्व-सहायता समूहों को 4 प्रतिशत ब्याज ही देना होगा। शेष ब्याज राज्य सरकार की ओर से भरा जाएगा।
बिचौलियों से सावधानी जरूरी
मुख्यमंत्री ने समूहों की सदस्यों को बिचौलियों से सावधान रहने और लालच में नहीं आने की सलाह दी। साथ ही कहा कि महिलाओं द्वारा निर्णय लेने और क्रय-विक्रय की प्रक्रिया जितनी स्वतंत्र, पारदर्शी और सशक्त होगी, स्व-सहायता समूह उतने ही अधिक मजबूत होंगे। मिशन द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षण, सहयोग और मार्गदर्शन से लाखों परिवारों की गरीबी दूर हुई है। समूहों से जुडऩे के साथ ही बहनों के बैंक में खाते खुले हैं। अब बहनों को बचत का पैसा किसी डिब्बे में रखने की जरूरत नहीं है। समूहों में सिखाए गए 13 सूत्रों ने महिलाओं को प्रगति के नए आयाम दिए हैं।
महिलाओं के प्रति सम्मान जरूरी
शिवराज ने कहा कि महिलाओं के प्रति मान-सम्मान और समानता का व्यवहार आवश्यक है। मुख्यमंत्री के रूप में इस भाव से कार्य कर रहा हूँ कि कैसे अपनी माता-बहनों, बेटियों की प्रगति, कल्याण और उन्हें सशक्त बनाने के रास्ते को सरल बना सकूँ। महिलाओं का सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक, राजनैतिक सशक्तिकरण आवश्यक है। इसी उद्देश्य से राज्य के सभी नगरीय निकायों और पंचायतों के चुनावों में 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं।
प्रदेश में शुरू हो चुके हैं 37 आजीविका मार्ट
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व-सहायता समूहों की गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। बैठकों तथा गतिविधियों के संचालन के लिए विभिन्न जिलों में लगभग 6 हजार से अधिक शासकीय भवन आवंटित हो चुके हैं। चार हजार से अधिक ग्राम संगठनों और 416 संकुल स्तरीय संगठनों को कार्यालय भवन, 132 आजीविका आउटलेट के लिए भवन आवंटित किए जा चुके हैं। बहनों द्वारा बनाए गए उत्पाद सही और सम्मानजनक रूप से मार्केट में बेचने के लिए प्रदेश में 37 आजीविका रूरल मार्ट शुरू हो चुके हैं। ।
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