इंदौर (Indore)। शहर की सडक़ों पर विक्षिप्त अवस्था (crazy on the streets) में पायी जा रही और मानसिक बीमारियों से ग्रसित महिलाओं का अब प्रशासन सहारा बनेगा। न केवल रहने, खाने और इलाज की सुविधा होगी, बल्कि इलाज के बाद पुनर्वास भी कराया जाएगा। चेन्नई की संस्था ने शुरू किया है होम अगेन प्रोजेक्ट।
परिवार द्वारा त्यागी गई निराश्रित, अस्पताल में मानसिक इलाज के बाद दर-दर भटक रही महिलाओं को उनकी स्थिति से उबारने और विक्षिप्त अवस्था में उनके साथ आपराधिक प्रवृत्तियों के लोगों द्वारा किए जा रहे अनैतिक काम और व्यवहार से बचाने के लिए प्रशासन अब सहारा बनकर उभर रहा है। कलेक्टर ने सडक़ों पर लावारिस घूम रही महिलाओं और विक्षिप्त महिलाओं के लिए अभिनव पहल की है। इन्हें रोगमुक्त करने के साथ साथ प्रशासन लांग स्टे होम उपलब्ध करा रहा है। ग्रामीण आदिवासी विकास संस्थान के श्रीकृष्णा एवेन्यू लिम्बोदी खण्डवा रोड द्वारा चेन्नई की द बेनियन संस्था के माध्यम से होम अगेन प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है। मानसिक बीमारियों से ग्रसित, परिवार द्वारा त्यागी गई, शासकीय व अशासकीय संस्थान ने इलाज के दौरान छोड़ी गई लावारिस महिलाओं को अब प्रशासन अपनी अभिरक्षा में लेगा।
इलाज और पुनर्वास होगा
मानसिक बीमारी से ग्रसित महिलाओं को लम्बे समय तक इलाज के दौरान संस्था संरक्षण देगी, वहीं रोगमुक्त होने के बाद अपनी अभिरक्षा में लेकर उनका पुनर्वास भी कराएगी। पहले चरण में प्रशासन ने संस्था से तीन वर्षों का अनुबंध किया है। यदि यह प्रोजेक्ट सफल रहा तो आगे भी इसके लिए कार्य किया जाएगा। कलेक्टर इलैया राजा टी ने संस्था को निर्देश देते हुए कहा कि एक-एक महिला का रिकॉर्ड संधारित किया जाए। हर तीन महीने में सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा बैठक आयोजित कर समीक्षा की जाए। संस्था महिलाओं के लिए रहने, खाने और देखभाल की व्यवस्था खुद के खर्चे से करे।
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