नई दिल्ली: असम (Assam) के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने आज यानी शानिवार को कहा कि महिलाओं (Women) को ”सही ऐज” में मातृत्व (motherhood) को अपना लेना चाहिए. ऐसा नहीं करने से चिकित्सकीय समस्या पैदा होती हैं. सरकार के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार कम उम्र में लड़कियों की शादी और कम उम्र में मातृत्व को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है बता दें कि असम सरकार राज्य में बाल विवाह को रोकने के लिए पोक्सो एक्ट लाने की तैयारी कर रही है.
सरमा ने कहा, “अगले पांच-छह महीनों में हजारों पतियों को गिरफ्तार किया जाएगा जिन्होंने 14 साल से कम आयु की लड़की के साथ यौन संबंध बनाया है.भले ही वह कानूनी रूप से विवाहित पति ही क्यों न हो.”महिला की शादी की कानूनी उम्र 18 साल है और कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, “कई लड़कियों से शादी करने वाले पुरुष को आजीवन कारावास की सजा हो सकती है.”
महिलाओं को सही उम्र में शादी कर लेनी चाहिए
मातृत्व के बारे में बोलते हुए, सरमा ने कहा, “महिलाओं को मां बनने के लिए बहुत लंबा इंतजार नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे जटिलताएं पैदा होती हैं. मातृत्व के लिए उपयुक्त आयु 22 वर्ष से 30 वर्ष है.”सीएम ने मुस्कराते हुए कहा,जिन महिलाओं ने अभी तक शादी नहीं की है, उन्हें जल्द ही कर लेनी चाहिए. हम समय से पहले मां बनने के खिलाफ बोलते रहे हैं.
कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वाले पर दर्ज होगा POCSO एक्ट
लेकिन साथ ही, महिलाओं को ज्यादा इंतजार नहीं करना चाहिए जैसा कि बहुत से लोग करते हैं… भगवान ने हमारे शरीर को इस तरह से बनाया है कि हर चीज के लिए एक सही उम्र होती है.असम कैबिनेट ने सोमवार को 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वाले पुरुषों पर POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज करने का फैसला किया.
शिशु दर पर कही ये बात
14-18 साल की उम्र की लड़कियों से शादी करने वालों पर बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा.सरमा ने कैबिनेट की बैठक के बाद कहा था कि राज्य में मातृ और शिशु मृत्यु दर की उच्च दर को रोकने के लिए निर्णय लिया गया है, जिसका प्राथमिक कारण बाल विवाह है.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved