मुंबई। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा वाघ ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर राज्य की उद्धव सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने ने कहा कि कोरोना संकट के समय राज्य के अनेक कवरन्टीन केंद्रों में महिलाओं पर अत्याचार होने की बात सामने आई है, बावजूद इसके राज्य सरकार ने महिला मरीजों की सुरक्षा के लिए किसी भी तरह के कदम नहीं उठाए हैं।
चित्रा ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए नियमावली घोषित करने का केवल खोखला आश्वासन सरकार ने दिया है। सरकार महिलाओं की सुरक्षा को भूल गई है। पनवेल के पृथक्करण केंद्र में महिला पर हुए अत्याचार के पश्चात मुख्यमंत्री ने त्रिसदस्यीय समिति नियुक्त करने की घोषणा की, लेकिन अभी तक किसी भी समिति की स्थापना नहीं हुई है। पनवेल में घटित घटना के पश्चात पुणे, चंद्रपुर, अमरावती, कोल्हापुर के पृथक्करण केंद्रों में भी इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है। अमरावती के बडनेरा प्रकरण में आरोपी के व्यवहार की शिकायत पहले ही स्टाफ की महिलाओं ने की थी। इसके बावजूद इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। इन सभी घटनाओं के पश्चात भी राज्य सरकार कोई ठोस कदम उठाते हुए नहीं दिख रही है। महिला सुरक्षा के लिए नियमावली तैयार करने का आश्वासन देने के बाद भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
चित्रा वाघ ने मांग की है कि पृथक्करण केंद्रों में पुरुष और महिला मरीजों को अलग-अलग रखा जाए। केंद्र के मरीजों की जानकारी केंद्र के प्रमुख स्थानीय प्रशासन को दें, महिला पृथक्करण केंद्रों को पुलिस सुरक्षा दी जाए, पुलिस को पीपीई किट दी जाए साथ ही यदि केंद्रों में अत्याचार की घटना घटित हो तो आरोपी सहित वहां पर कार्यरत कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया जाए। उन्होंने कहा कि फरवरी महीने में हिंगणघाट में महिला को जीवित जलाने का प्रयास होने के पश्चात सरकार ने अधिवेशन में दिशा कानून के संदर्भ में घोषणा की। लेकिन महिलाओं पर अत्याचार बढते जा रहे हैं। सरकार जनता को गुमराह कर रही है। सरकार को महिला सुरक्षा के बारे में कठोर कदम उठाने चाहिए। (एजेन्सी, हि.स.)
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