इन्दौर। महिलाओं द्वारा पुरुषों पर अत्याचार की दो नई घटनाओं ने महिलाओं को संरक्षण के दिए गए विशेष अधिकार की एक बार फिर बुनियाद हिला दी। बलात्कार के दो मामलों में युवतियों ने पहले रेप की रिपोर्ट लिखाई, लेकिन अदालत में इसे मामूली कहासुनी होना बताकर नई कहानियां गढ़ दीं। ऐसे में मुलजिम तो बेदाग छूट गए, लेकिन लंबे समय तक सामाजिक और मानसिक प्रताडऩा सहते रहे।
पहला मामला लसूडिय़ा थाना क्षेत्र का है। विजयनगर स्थित एक स्पा सैलून में काम करने वाली युवती ने रिपोर्ट लिखाई थी। स्पा पर काम के दौरान उसकी एक ग्राहक अनिकेत किशोर कनोजिया निवासी बिचौली से दोस्ती हो गई थी। 2 जुलाई 2019 को अनिकेत उसे अपने दोस्त के पिंक सिटी स्थित घर पर बर्थडे पार्टी के नाम पर ले गया। जहां अनिकेत ने उसे कोल्ड्रिंक में नशा मिलाया और उससे बलात्कार किया। इसके बाद उज्जैन ले जाकर भी रेप किया और शादी का झांसा दिया। जनवरी 2020 में जब एक बार उसने मुलजिम को फोन लगाया तो उसकी पत्नी से बात हुई, तब पता चला कि मुलजिम शादीशुदा था और उससे झूठ बोलकर कई महीनों तक रिश्ते बनाता रहा। मामले में बलात्कार का केस दर्ज होने के बाद फरियादिया ने जान से मारने की धमकी देने के मामले में कोर्ट के बाहर राजीनामा कर लिया। इसके बाद कोर्ट में जाकर यह कहकर पलट गई कि पार्टी वाले दिन लौटते समय मुलजिम ने उसे गालियां दी थीं। इस पर उसने गालियां देने की रिपोर्ट थाने में लिखाई थी। उसे नहीं पता कि पुलिस ने बलात्कार का केस कैसे दर्ज कर लिया।
दूसरा मामला संयोगितागंज थाने का है। यहां युवती ने रिपोर्ट लिखाई थी कि जेल में बंद उसके जीजा का इलाज एमवाय अस्पताल के पास डेंटल अस्पताल में चल रहा था। वह अपने पुत्र के साथ 4 जून 2016 को अस्पताल गई तो वहां शिव सिटी बिजलपुर का रहने वाला सतीश तंवर उसे गांव तक लिफ्ट देने को तैयार हो गया। उसने मना किया तो गेट से निकलने पर सतीश व उसके दोस्त राहुल चौहान निवासी शिव सिटी ने उसे जबरदस्ती बाइक पर बैठा लिया और तिल्लौर के जंगल में कुएं के पास ले जाकर सतीश ने उससे खोटा काम किया। इसके बाद दोनों उसे राऊ में छोडक़र भाग निकले। इस मामले में भी पुलिस ने अपहरण व बलात्कार का केस दर्ज किया था, लेकिन अदालत में फरियादी पुलिस को दिए बयान से मुकर गई। उसने कहा कि एक मुलजिम तो उसके रिश्ते में लगता है। वह उसकी बहन व जीजा के लिए उलटी-सीधी बात कह रहा था तो उसने गुस्से में थाने में अपशब्द बोलने की शिकायत की थी। उसे नहीं पता कि पुलिस ने कैसे बलात्कार का मामला दर्ज कर लिया। युवतियों के मुकरने पर जज चारूलता दांगी ने तीनों मुलजिमों को बरी कर दिया।
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