कोरोना महामारी के खिलाफ जारी जंग में टीकाकरण अभियान (Corona Vaccination) तेजी पकड़ रहा है. लेकिन इस टीकाकरण अभियान के आंकड़ों पर गौर करें तो इसमें लैंगिक अंतर यानी कि जेंडर गैप (Gender Gap) देखने को मिलता है. अधिकांश राज्यों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने कम वैक्सीन लगवाई है. देशभर में 10 अप्रैल को, महिलाओं (women) की तुलना में करीब दो प्रतिशत अधिक पुरुषों ने वैक्सीन (vaccine) लगवाई. लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे ये आंकड़ा और बढ़ता गया.
टीकाकरण में 15 फीसदी का जेंडर गैप
दो हफ्ते बाद, 24 अप्रैल को, यह अंतर (जेंडर गैप) बढ़कर 12 प्रतिशत हो गया. इसके बाद 6 मई को महिलाओं की तुलना में लगभग 24 प्रतिशत अधिक पुरुषों का टीकाकरण किया गया. 6 मई को ही देश में कोरोना के रिकॉर्ड 4.14 नए केस लाख सामने आए थे.
वहीं, अप्रैल के मध्य तक महिलाओं की तुलना में लगभग नौ प्रतिशत अधिक पुरुषों ने वैक्सीन की डोज ली. अभी भी दोनों (महिला-पुरुष) के बीच 15 फीसदी का अंतर है. बता दें कि ये सभी आंकड़े, वैक्सीन की दैनिक डोज के सात-दिन के मूविंग एवरेज पर आधारित हैं.
भारत (India) दुनिया में सबसे अधिक विषम लिंगानुपात वाले देशों में से एक है. आंकड़े बताते हैं कि देश में महिलाओं की तुलना में पुरुषों की संख्या 5.7 फीसदी ज्यादा है. इसलिए, टीकाकरण(vaccination) के मामले में भी 6 प्रतिशत यह अंतर नजर आएगा. लेकिन मौजूदा समय में जेंडर गैप 15 फीसदी के करीब है.
अधिकांश राज्य टीकाकरण में जेंडर-समानता लाने में विफल
आंकड़े दिखाते हैं कि अधिकांश राज्य टीकाकरण अभियान में जेंडर-समानता लाने में विफल रहे हैं. इंडिया टुडे की डाटा इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा सरकारी आंकड़ों की समीक्षा से पता चलता है कि जैसे-जैसे कोरोना की दूसरी लहर तेज हुई, लोगों में टीकाकरण की इच्छा भी बढ़ती गई. इसके साथ ही टीकाकरण कार्यक्रम में जेंडर गैप भी अधिक स्पष्ट होने लगा. मई कोविड संक्रमण (covid infection) से होने वाली मौतों के मामले में अब तक का सबसे खराब महीना था और यही वह अवधि है जब टीकाकरण में जेंडर गैप तेजी से बढ़ा.
इन राज्यों में महिलाओं का टीकाकरण अधिक
सिर्फ तीन राज्यों छत्तीसगढ़, केरल (Kerala) और हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में महिलाओं के टीकाकरण की दर पुरुषों के मुकाबले अधिक है. जबकि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, बिहार और मध्य प्रदेश ऐसे राज्य हैं जहां टीकाकरण में जेंडर गैप काफी व्यापक है. पंजाब में यह 30 फीसदी, दिल्ली में 38 फीसदी, बिहार में 21 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 33 फीसदी और पश्चिम बंगाल में 27 फीसदी है.
क्या है वजहें?
टीकाकरण में जेंडर गैप की बात करें तो शायद वर्किंग क्लास को प्राथमिकता देना, जिनमें से अधिकांश में पुरुष शामिल हैं, पुरुषों की इंटरनेट तक पहुंच (CoWIN), एक पारंपरिक पितृसत्तात्मक संरचना आदि इसके कारण हो सकते हैं. हाल ही में किये गए डेलॉयट सर्वे के अनुसार, भारत में एक चौथाई से भी कम महिलाएं वर्किंग क्लास की हैं, जो पुरुषों की तुलना में औसतन 35 प्रतिशत कम कमाती हैं.
पिछले दिसंबर में रिपोर्ट किए गए पांचवें राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) में, 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 60 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने कभी इंटरनेट का उपयोग नहीं किया था. इस अध्ययन में देश के 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया गया.
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