डेस्क। यूएन विकास कार्यक्रम ने बुधवार को ‘लिस्निंग टू वूमन एंटरप्रेन्योर इन अफगानिस्तान, देयर स्ट्रगल एंड रेसिलेंस’ (अफगानिस्तान में महिला उद्यमियों, उनके संघर्ष और कामकाज पर गौर) नाम की रिपोर्ट प्रकाशित की है। इसमें पिछले तीन वर्षों में संकलित डेटा का विश्लेषण किया गया है। अध्ययन में अफगानिस्तान में महिला उद्यमियों के लिए बदलती परिस्थितियों के सिलसिले में विस्तापूर्वक जानकारी दी गई है।
एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए यूएन कार्यक्रम की क्षेत्रीय निदेशक कन्नी विग्नाराजा ने बताया कि अफगानिस्तान में महिला उद्यमियों ने बेहद विकट परिस्थितियों में भी अविश्वसनीय हौसले, निडरता और साधन-सम्पन्नता का परिचय दिया है। विश्लेषण के अनुसार, अफगानिस्तान में महिला उद्यमियों को अपने व्यवसाय में ऊंची लागत और अनेक प्रकार के अवरोधों का सामना करना पड़ रहा है।
भेदभाव गहरा हुआ है और व्यवसाय संचालन में कई बाधाएं हैं। देश में गंभीर हालात से जूझ रही वित्तीय प्रणाली के कारण, इस सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाली तीन हजार महिलाओं में से 41 फीसदी कर्ज लेने के लिए मजबूर हो गई हैं। तीन-चौथाई प्रतिभागियों ने बताया कि आवाजाही पर पाबंदियां हैं। उदाहरणस्वरूप, महिलाओं के लिए एक पुरुष संगी के बिना स्थानीय बाजार तक जाना भी सम्भव नहीं है। केवल पांच प्रतिशत ने बताया कि उन्हें बैंक या माइक्रोफाइनेंस संस्थाओं के जरिये कर्ज मिला।
चुनौतियों से उबरने के उपाय
यूएन विकास कार्यक्रम के अनुसार, अफगानिस्तान में 1.58 करोड़ लोग खाद्य असुरक्षा का शिकार हैं और कामकाजी महिलाओं के लिए रोज़गार दर, पिछले वर्ष से अब तक घटकर छह फीसदी रह गई है। इन हालात में महिलाएं मौजूदा चुनौतियों से उबरने के लिए रास्तों की तलाश कर रही हैं। उद्यमिता, महिलाओं व उनके परिवारों के लिए एक जीवनरेखा बनकर उभरी है। महिलाओं के नेतृत्व वाले 80 प्रतिशत उद्यम अपने आय के मुख्य स्रोत के लिए अपने व्यावसायिक राजस्व पर निर्भर हैं।
महिलाओं द्वारा संचालित व्यवसायों से अन्य महिलाओं के लिए भी रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं। यूएन विकास कार्यक्रम ने बताया कि साझेदारों के साथ मिलकर 75 हजार सूक्ष्म व लघु-व्यवसायों को सहारा दिया गया है, जिनसे नौ लाख लोगों के लिए रोजगार अवसर उत्पन्न हुए हैं और उनके परिवारों को गुजर-बसर का साधन मिला है।
संकल्प व आशा
अफगानिस्तान में यूएन कार्यक्रम के रेजिडेंट प्रतिनिधि स्टेफन रोड्रिक्स ने बताया कि लम्बे समय से महिलाएं देश में घर-परिवारों के कल्याण के लिए एक अहम शक्ति हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को सहारा देने में अहम भूमिका निभा रही हैं। यूएन प्रतिनिधि ने कहा कि महिला उदयमियों की आवाज को समर्थन दिया जा रहा है और महिलाओं में निवेश से होने वाले लाभ को रेखांकित किया गया है।
तमाम चुनौतियों से उबरने के लिए उनका साहस व सहनसक्षमता, संकल्प व आशा की एक उत्कृष्ट कहानी है। उन्हें अंतरराष्ट्रीय समर्थन की दरकार है और इस रिपोर्ट में इसी विषय पर अहम जानकारी साझा की गई है। रेजिडेंट प्रतिनिधि ने कहा कि अफगानिस्तान का भविष्य उन्हीं पर निर्भर है।
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