सिलिगुरी (Siliguri)। सिक्किम हाई कोर्ट (Sikkim High Court) ने महिला कर्मचारियों (Female employees) को मासिक धर्म की छुट्टी (menstrual leave) देने की घोषणा (Announcement) की है। अदालत का यह फैसला मासिक धर्म स्वच्छता दिवस की पूर्व संध्या पर आया, जिसे बेहद स्वागत योग्य बताया जा रहा है। एचसी के चीफ जस्टिस बिस्वनाथ सोमद्दर (Chief Justice Biswanath Somaddar) की मंजूरी मिलने के बाद इसे लेकर मंगलवार को नोटिफिकेशन जारी हुआ। इसमें कहा गया कि महिला कर्मचारियों को महीने में 2-3 दिनों की मासिक धर्म की छुट्टी देने की घोषणा की गई है। मालूम हो कि सिक्किम छोटा हिमालयी राज्य है जो छात्राओं के स्वास्थ्य और स्वच्छता में सुधार में आगे रहा है। साथ ही, माताओं को सशक्त बनाने और IVF के जरिए निःसंतान दंपतियों को बच्चा पैदा करने को लेकर मदद में अग्रणी है।
सिक्किम हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल प्रज्वल खातीवाड़ा की ओर से इसे लेकर अधिसूचना जारी हुई। इसके अनुसार, हाई कोर्ट रजिस्ट्री में महिला कर्मचारी अब एक महीने में दो से तीन दिनों की मासिक धर्म छुट्टी का लाभ उठा सकती हैं। बशर्ते, उन्हें पहले एचसी से जुड़े मेडिकल ऑफिसर से संपर्क करना होगा। इसके बाद ऐसी छुट्टी के लिए सिफारिश लेटर हासिल करना है। इससे संबंधित नोटिफिकेश में कहा गया, ‘ऐसी छुट्टी लेने पर आपकी बाकी छुट्टियों पर किसी तरह का असर नहीं पड़ेगा।
एक्स पर आईं ढेर सारी प्रतिक्रियाएं
अदालत के इस फैसले पर सोशल मीडिया मंच एक्स पर खूब चर्चा हो रही है। इसे लेकर लोग ढेर सारी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। ज्यादातर लोगों ने इस फैसले का बड़े पैमाने पर स्वागत किया है। एक यूजर ने कहा, ‘महिला कर्मचारियों के लिए हर महीने 2-3 दिन की छुट्टी मासिक धर्म को लेकर मिलेगी। इस तरह के अवकाश के महत्व को पहचानने के लिए सिक्किम हाई कोर्ट को बधाई।’ एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘इसे आधा अच्छा ही कहेंगे। आखिर कोई महिला इस छुट्टी के लिए स्वयं प्रमाणित क्यों नहीं कर सकती। आखिर यहां पर किसी डॉक्टर की क्या भूमिका है।’
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