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    बिना वेतन के सात घंटे से ज्यादा घरेलू काम करती हैं महिलाएं, पुरुष तीन घंटे से भी कम, स्टडी में दावा

  • February 13, 2023

    अहमदाबाद। भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) अहमदाबाद के एक प्रोफेसर द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार, 15 से 60 वर्ष की कामकाजी आयु वर्ग की महिलाएं बिना वेतन लिए घरेलू काम पर पुरुषों द्वारा 2.8 घंटे खर्च करने की तुलना में 7.2 घंटे बिताती हैं। इतना ही नहीं टाइम यूज सर्वे पर आधारित शोध में कहा गया है कि मजदूरी कर कमाने वाली महिलाएं घर की सफाई, भोजन तैयार करने और देखभाल करने जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में मजदूरी कर कमाने वाले पुरुषों की तुलना में घरेलू काम पर दोगुना समय खर्च करती हैं।

    भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) अहमदाबाद के प्रोफेसर नम्रता चिंदारकर ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि ‘टाइम यूज डेटा: ए टूल फॉर जेंडर पॉलिसी एनालिसिस’ के जरिए पहली बार यह पता लग सका कि भारत में महिलाएं घरेलू काम पर कितना समय खर्च करती हैं। औसतन, भारतीय महिलाएं अपने दैनिक समय में से 7.2 घंटे खर्च करती हैं। ऐसे काम के लिए जबकि पुरुष 2.8 घंटे खर्च करते हैं आईआईएमए की प्रोफेसर नम्रता चिंदारकर ने पीटीआई को बताया।

    प्रोफेसर चिंदारकर ने कहा लैंगिक असमानता की जांच करने के लिए एक उपकरण के रूप में यह रिसर्च काफी उपयोगी है। उन्होंने कहा कि यूरोप में किए गए हार्मोनाइज्ड टाइम यूज सर्वे पर आधारित अध्ययनों से पता चलता है कि टाइम यूज डेटा विभिन्न गतिविधियों में महिलाओं और पुरुषों के बीच समय के आवंटन को समझने में सहायक रहा है। चिंदारकर ने कहा कि ये अध्ययन विशेष रूप से पाते हैं कि, देशों में महिलाएं घर की बुनियादी जरूरतों जैसे सफाई, भोजन तैयार करने और देखभाल करने पर अधिक समय बिताती हैं।


    प्रोफेसर चिंदारकर ने आगे कहा कि साल 2019 में NSSO द्वारा आयोजित TUS भारत के लिए पहला राष्ट्रीय समय उपयोग सर्वेक्षण है (अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अपवाद के साथ)। यह 24 घंटे की समय डायरी (अगले दिन सुबह 4 बजे से सुबह 4 बजे) का उपयोग करके डेटा एकत्र करता है। इसमें आगे पता चलता है कि मजदूरी कमाने वाली महिलाएं भी मजदूरी कमाने वाले पुरुषों की तुलना में अवैतनिक घरेलू काम पर दोगुना समय बिताती हैं। इस अध्ययन में यह भी पता चला है कि महिलाओं की तुलना में पुरुष प्रति दिन लगभग 150 मिनट अधिक अपने रोजगार के लिए खर्च करते हैं।

    प्रोफेसर चिंदारकर ने कहा हम पाते हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं के पास फुरसत का समय 24 फीसदी कम होता है। इसके विपरीत, हम पाते हैं कि वेतन-अर्जन करने वाले पुरुषों में वेतन-अर्जन करने वाली महिलाओं की तुलना में 72 प्रतिशत अधिक काम करने की संभावना है। यह प्रशंसनीय हो सकता है। शोध पत्र में कहा गया है कि पुरुषों और महिलाओं द्वारा की जाने वाली नौकरियों और व्यवसायों की प्रकृति में अंतर के कारण हो सकता है।

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