भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Elections) के लिए आज यानी शुक्रवार (17 नवंबर) को सभी 230 विधानसभा सीटों पर वोट डाले गए (Voting was held on 230 assembly seats) है. लोकतंत्र के इस महापर्व में पुरुषों के साथ महिलाएं भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं. आंकड़ों की मानें तो इस बार के विधानसभा चुनाव में महिलाएं गेम चेंजर की भूमिका निभा (Women play the role of game changer) सकती हैं. इसी आंकड़ों को देखते हुए सभी राजनीतिक पार्टियों ने महिलाओं पर फोकस (focus on women) कर उन्हें अपने वादों के जरिए लुभाने की कोशिश की है.
एमपी में चुनाव दर चुनाव महिलाएं आगे बढ़ कर वोट कर रही हैं. 1993 में 100 में से सिर्फ 52 महिलाएं वोट करने जाती थीं, ये आंकड़ा बढ़कर 2018 में 74 हो गया. यानी पिछले 25 साल में वोट करने वाली महिलाएं 22 फीसदी बढ़ गई है. जबकि 1993 में 100 में से 68 पुरुष वोट करते थे, जो 2018 में बढ़कर सिर्फ 76 फीसदी हुए, पुरुष में सिर्फ 8 फीसदी की बढोत्तरी हुई. यानी की वोट करने वाली महिलाएं पुरुषों की तुलना में करीब 3 गुना बढ़ गई हैं. अगर इसी रेट से महिलाओं की वोटिंग प्रतिशत बढ़ी तो इस साल 2023 में पुरुषों से ज्यादा महिलाएं वोट करेंगी.
मध्य प्रदेश में महिला विधायकों की बात करें तो, 2018 में कांग्रेस ने 27 महिलाओं को टिकट दिया था, जिनमें से 9 महिलाएं विधायक चुनी गई थी. वहीं साल 2023 में कांग्रेस ने 27 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया है, यानी कि पिछली बार जितनी ही प्रत्याशी इस बार भी कांग्रेस ने उतारा है. वहीं अगर बीजेपी की बात करें तो 2018 में बीजेपी ने 24 महिलाओं को टिकट दिया था, जिनमें से 11 महिलाएं विधायक चुनी गई थी. अब साल 2023 में बीजेपी ने 30 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया है, यानी कि पिछली बार से 6 महिला प्रत्याशी इस बार ज्यादा हैं.
एमपी की 230 विधानसभा सीटों में 19 सीटें ऐसी है जहां महिला वोटर पुरुषों से ज्यादा हैं, लेकिन साल 2018 के विधानसभा चुनाव 52 ऐसी सीटें थी जिनमें महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा वोट किया था. खास बात ये कि इन सीटों पर बीजेपी को भारी बढ़त मिली थी. बीजेपी इन 52 सीटों में 32 सीटें जीती थी, कांग्रेस 18 सीटें जबकि अन्य 2 सीटें जीते थे.
वहीं मध्य प्रदेश के कुल वोटरों की बात करें तो उनकी संख्या 5.6 करोड़ है. इनमें 2.88 करोड़ पुरुष वोटर्स, जबकि 2.72 करोड़ महिला वोटर्स हैं. वहीं 22.36 लाख 18 से 19 साल के वोटर्स हैं. वहीं वोटिंग परसेंटेज की बात करें तो साल 1998 में 60 प्रतिशत वोटिंग हुई थी, वहीं 2003 में 67 प्रतिशत, 2008 में 69 प्रतिशत, 2013 में 72 प्रतिशत और 2018 में 75 प्रतिशत. बात साल 2023 की करें तो इस साल वोटिंग परसेंटेज बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.
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