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    महिलाओं और बच्चों ने भी जन्मभूमि के लिए लड़ी लड़ाई

  • January 13, 2024

    • राम मंदिर संघर्ष की कहानी विजयवर्गीय की जुबानी
    इन्दौर। कैबिनेट मंत्री  कैलाश विजयवर्गीय राम मंदिर के संघर्ष से जुड़ी 500 साल की प्रमुख घटनाएं वीडियो के माध्यम से सुना रहे हैं। इस संबंध में सोशल मीडिया पर उन्होंने अपना तीसरा वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वह बता रहे हैं कि राम जन्मभूमि के लिए महिलाओं और बच्चों ने भी बड़ा संघर्ष किया है।
    वीडियो में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हंसवर रियासत के राजा रणविजय सिंह ने जन्मभूमि की रक्षा के लिए मुगलों से युद्ध किया और 70 हजार सैनिकों के साथ प्राणों की आहुति दी। उनके बाद इस युद्ध को उनकी रानी जयराज कुंवरी ने जारी रखा। उन्होंने महिलाओं की सेना इकट्ठा की। इस रियासत ने 10 बार युद्ध करके जन्मभूमि पर विजय प्राप्त कर ली थी और यह विजय प्राप्त करने के बाद वहां चबूतरा बनाकर राम भगवान की स्थापना कर दी थी, लेकिन औरंगजेब से यह देखा नहीं गया और उसने फिर युद्ध किया। यह युद्ध लगातार चलता रहा। लगभग 2 साल तक राम जन्मभूमि पर भगवान राम को प्रतिष्ठित करके पूजा-अर्चना होती रही, लेकिन औरंगजेब से देखा नहीं गया तो उसने फिर चबूतरे को तोडक़र मूर्ति को तोड़ा और यह संघर्ष चलता रहा। राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए बलिदान सिर्फ पुरुषों ने नहीं दिया, बल्कि महिलाओं ने भी युद्ध किया और महिला और बच्चे सब भगवान राम जन्मभूमि के प्रति अपना बलिदान देने के लिए तैयार थे।
    वीडियो पोस्ट में कहा था कि अपने इतिहास को जानना जरूरी है
    पिछले वीडियो में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि आज इस इतिहास को समझना, इसके महत्व को समझना है। किस प्रकार हमारे संस्कार और संस्कृति पर हमला करके हमारे आत्मस्वाभिमान को ठेस पहुंचाने की कोशिश की मुगलों ने। अब राम मंदिर बना है, 500 साल बाद हमारा आत्मसम्मान बढ़ा है। हमारे संस्कार और संस्कृति अभ्युदय हो रही है और इसलिए हमें 22 तारीख को तो उत्सव मनाना है, लेकिन इसके इतिहास की जानकारी भी हमें रखना है, क्योंकि यह क्षण बहुत लोगों की आहुति के बाद मिला है। मैं कोशिश करूंगा कि वीडियो के माध्यम से 500 वर्ष की प्रमुख घटनाएं आप तक पहुंचे। आप सुनें राम मंदिर के इतिहास को समझकर अपना भी मान-सम्मान और स्वाभिमान बढ़ाएं।

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