नई दिल्ली (New Delhi)। 4 दशक से ज्यादा समय से पेंशन (pension)का इंतजार कर रही महिला (Woman)को अब हाईकोर्ट(High Court) ने राहत दी है। मामला ओडिशा का (case of Odisha)है, जहां उच्च न्यायालय ने कलेक्टर को एक महीने में पेंशन की रकम जारी करने के निर्देश दिए हैं। खास बात है कि इससे पहले भी आदेश जारी हो गए थे, लेकिन महिला को पेंशन नहीं मिली इसके बाद उन्होंने अवमानना की याचिका दाखिल की।
ओडिशा हाईकोर्ट ने महिला के पात्र होने की पहली तारीख से ही पेंशन जारी करने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले कोर्ट ने 15 नवंबर 2023 को आदेश जारी किया था, जिसमें कलेक्टर को पेंशन मंजूर करने के निर्देश दिए गए थे। अदालत पहुंची महिला के पति पेशे से शिक्षक थे और 26 अगस्त 1977 में उनका निधन हो गया था। 91 वर्षीय महिला 60 वर्षीय बेटे के साथ रहती हैं।
शुक्रवार को जस्टिस बीपी सतपति की एकल बेंच ने कहा, ‘अवमानना करने वाले को आदेश का पालन करने के लिए एक महीने का समय देकर यह अवमानना की याचिका को खत्म किया जाता है।’ अदालत ने कहा चेताया, ‘अगर समय में आदेश का पालन नहीं किया गया, तो इसे जानबूझकर अदालत के आदेश का उल्लंघन माना जाएगा।’
मीडिया रिपोर्ट्स में केस रिकॉर्ड्स के हवाले से कहा गया है कि महिला ने स्कूल और शिक्षा अधिकारियों के सामने साल 1991 से अब तक कई याचिकाएं दी हैं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका। 21 अगस्त 2023 को केंद्रपाड़ा कलेक्टर ने इस आधार पर पेंशन देने से इनकार कर दिया था कि वह इसके लिए पात्र नहीं हैं, क्योंकि योजना की शुरुआत 1980-81 में हुई थी। जबकि, महिला के पति का निधन 1977 में हुआ।
महिला 19 अक्टूबर 2023 को उच्च न्यायालय पहुंचीं। तब अदालत ने कलेक्टर के आदेश को रद्द कर दिया और कहा कि अगर महिला के पति जीवित होते, तो वह 1983 में रिटायर होते और वह पेंशन के लिए पात्र होते।
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