चेन्नई: दक्षिणी राज्य तमिलनाडु से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. एक महिला ने जबरन धर्म परिवर्तन का आरोप लगाते हुए आत्मदाह की कोशिश की. ये घटना रामनाथपुरम कलेक्टर ऑफिस के ठीक बाहर की है. बाद में वहां मौजूद पुलिसकर्मियों और अधिकारियों ने उन्हें रोका. पचेरी गांव की रहने वाली वलारमती ने आरोप लगाया कि उनके परिवार को ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया जा रहा था. उसने आरोप लगाया कि ऐसा करने से इनकार करने पर एक शख्स उसके परिवार को प्रताड़ित कर रहा है.
अंग्रेजी वेबसाइट इंडिया टूडे के मुताबिक महिला ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. लिहाजा उन्होंने आत्मदाह करने का प्रयास किया. उसने आरोप लगाया है कि उसके गांव में धर्म परिवर्तन हो रहा था. उसने कहा कि जब से उसने धर्म परिवर्तन से इनकार किया, देवदास नाम के एक शख्स का परिवार उसे और उसके परिवार को 2019 से परेशान कर रहा था.
वालारमती ने कहा, ‘देवदास के परिवार ने मेरे घर का रास्ता रोक दिया था और मेरे खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए थे. हम कोर्ट गए जिसने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया. फिर उन्होंने मुझे जान से मारने की कोशिश की. मैंने पुलिस से संपर्क किया. उन्होंने कार्रवाई का वादा किया लेकिन कुछ नहीं किया. मेरे बेटे को ईस्ट कोस्ट रोड पर 8 लोगों ने मला कर दिया. लेकिन वहां मौजूद लोगों ने उसे बचा लिया. मेरे गांव में, देवदास का परिवार हमें नुकसान पहुंचा रहा है.’
इस बीच, रामनाथपुरम के पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि राजस्व प्रभाग अधिकारी और पुलिस उपाधीक्षक द्वारा एक जांच की गई, जिसमें पता चला कि यह मुद्दा भूमि विवादों पर आधारित था और कई हिंदू परिवार अभी भी गांव में हैं. सूत्रों ने ये भी बताया कि वलरमथी और देवदास के परिवार में जमीन के एक टुकड़े को लेकर 10 साल से अधिक समय से विवाद चल रहा था और भूमि विवाद की शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी.
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