जबलपुर। हाल ही में बिजली उपभोक्ताओं के मीटर में लगे क्यूआर कोड गायब हो गए हैं। कहीं क्यूआर कोड की स्याही मिट गई है। जिस वजह से कोड स्कैन मीटर रीडर नहीं कर पा रहे हैं। इसका लाभ कई मीटर रीडर मनमानी रीडिंग से कर रही है। दरअसल, कंपनी ने क्यूआर कोड लगाने के पीछे रियल टाइम रीडिंग होने का दावा किया था। इस वजह से हर उपभोक्ता के मीटर में क्यूआर कोड चस्पा करवाए गए थे लेकिन दो-चार माह में ही यह स्टीकर की गाद सूखने की वजह से मीटर से उखड गए हैं, कहीं क्यूआर कोड ही धुंधले हो गए कि उसे स्कैन नहीं किया जा सकता है।
अब मीटर रीडर इसी खामी का लाभ उठाकर घर बैठे ही रीडिंग दर्ज कर रहे हैं बाद में जब एक मुश्त रीडिंग होती है तो बडे बिल देखकर उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं।ताया जाता है कि रीडिंग समय पर नहीं होने से बहुत से उपभोक्ताओं के अनाप-शनाप बिजली बिल की शिकायत लेकर दफ्तर पहुंच रहे हैं। जानकारी के अनुसार मीटरों की रीडिंग में लापरवाही होने के कारण उपभोक्ताओं के बिजली के बिल का बजट बिगड रहा है। कई उपभोक्ताओं को घरों में दो-दो माह तक मीटर की रीडिंग के लिए रीडर नहीं पहुंच रहे हैं। इस दौरान उपभोक्ताओं को औसत बिल भेजे जाते हैं , लेकिन जब रीडिंग की जाती है तो उपभोक्ताओं का टैरिफ बदल जाता है। जिसके कारण बिल बहुत अधिक बढ रहा है। जब इस रीडिंग को सुधरवाने के लिए पहुंचते हैं उनको रीडिंग की जानकारी दे दी जा रही है। मीटर रीडरों की लापरवाही का खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड रहा है।
शिकायतों का नहीं निराकरण
उपभोक्ताओं के बिल ब?ने के बाद उनकी शिकायत का निराकरण भी नहीं किया जा रहा है। उपभोक्ताओं को रीडिंग सही होने की बात कह कर टहलाया जा रहा है। बिल का सुधरवाने के लिए जगह-जगह भटक रहे हैं लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। सभी उपभोक्ताओं के यहां क्यूआर कोड लगवाए गए हैं। शिकायत मिलने पर उन्हें बदला जा रहा है।
संजय अरोरा, अधीक्षण यंत्री नगर संभाग
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