खंडेलवाल ने कहा-आरबीआई का आदेश व्यापारियों को नहीं करेगा प्रभावित
नई दिल्ली (New Delhi)। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) ने दो हजार रुपये के नोट (two thousand rupee note) को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) (Reserve Bank of India (RBI)) के वापस लेने के फैसले को सही कदम करार दिया है। कैट ने कहा कि आरबीआई का आदेश नागरिकों को अपनी दैनिक खरीदारी में डिजिटल भुगतान (digital payment) को स्वीकारने, अपनाने और प्रोत्साहित करने की दिशा में उठाया गया सहरानीय कदम है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने शनिवार को कहा कि आरबीआई के इस कदम से छोटे व्यापारियों के व्यापार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन निश्चित रूप से बड़े और संपन्न वर्ग को झटका लगेगा, जिन्होंने बड़ी मात्रा में दो हजार रुपये के नोटों का स्टॉक किया होगा।
खंडेलवाल ने कहा कि रिजर्व बैंक के इस कदम से कारोबारियों के व्यापार में कोई गड़बड़ी नहीं होगी। डिजिटल लेन-देन के बढ़ने से 2000 रुपये के नोट का उपयोग कम हुआ है। ऐसे में आरबीआई ने इसे चलन से बाहर घोषित कर छोटे मूल्यवर्ग के नोटों के साथ इसे बदलने के लिए चार महीने का वक्त देकर व्यापार में सुचारू लेनदेन सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाया है।
कैट महामंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करने के लिए कैट पिछले कई वर्षों से व्यापारिक समुदाय के बीच डिजिटल भुगतान की स्वीकृति की सक्रिय रूप से वकालत कर रहा है और आगे भी करता रहेगा।
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को 2000 रुपये के नोट को वापस लेने का ऐलान किया है, जिसे 30 सितंबर, 2023 तक बैंकों में जमा कराना होगा।
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