नई दिल्ली। त्योहारी सीजन में लोग खरीदारी करते समय जमकर क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। इसकी प्रमुख वजह कार्डधारकों को कई तरह की सुविधाएं मिलना है। इन सुविधाओं में ब्याज मुक्त कर्ज चुकाने की अवधि, क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाले रिवार्ड प्वाइंट, कैशबैक और अन्य कई प्रकार के छूट शामिल हैं।
कर्जदाता कंपनियां अपने ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड से नकद निकासी की भी सुविधा देती हैं। इसके जरिये जरूरत पड़ने पर अपने कार्ड से पैसे भी निकाल सकते हैं। जानकारों का कहना है कि क्रेडिट कार्डधारकों को आपात स्थिति में इससे नकद निकासी करनी चाहिए क्योंकि इस पर आपको भारी-भरकम ब्याज और लेनदेन शुल्क चुकाना पड़ता है। साथ ही क्रेडिट स्कोर भी इससे प्रभावित होता है।
40 फीसदी तक कर सकते हैं निकासी
बैंक या अन्य कर्जदाता अपने ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड से पैसे निकालने की अलग-अलग लिमिट देते हैं, जो कार्ड की अधिकतम लिमिट के आधार पर तय होती है। सामान्य तौर पर बैंक या अन्य कर्जदाता अपने क्रेडिट कार्डधारकों को कार्ड से कुल लिमिट का 20 से 40 फीसदी तक रकम निकालने की छूट देते हैं। अगर आपके क्रेडिट कार्ड की अधिकतम लिमिट दो लाख रुपये है तो आप अपने कार्ड से 40,000 से लेकर 80,000 रुपये निकाल सकते हैं।
तीन फीसदी तक भरना पड़ता है अतिरिक्त शुल्क
क्रेडिट कार्ड से नकद निकासी पर ब्याज के अलावा अतिरिक्त शुल्क का भी भुगतान करना पड़ता है। यह शुल्क आपकी ओर से निकाली गई राशि का 2.5 फीसदी से तीन फीसदी तक हो सकता है। अगर आप क्रेडिट कार्ड से दो लाख रुपये निकालते हैं तो आपको 5,000 से 6,000 रुपये तक अतिरिक्त शुल्क चुकाना पड़ेगा। इसके अलावा, बैंक या कर्जदाता निकाली गई राशि पर हर महीने 3.5 फीसदी की दर से ब्याज भी वसूलते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
चुकाने के लिए नहीं मिलता समय
क्रेडिट कार्ड से पैसे निकालने पर आपको ब्याज मुक्त कर्ज चुकाने की अवधि का लाभ नहीं मिलता है। यानी आपने जिस दिन कार्ड से पैसे निकाले, उसी दिन से ब्याज लगने लगता है। इसके अलावा, नकदी निकासी को क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल माना जाता है। इससे कार्ड की लिमिट भी कम हो जाती है।
जल्द-से-जल्द कर दें भुगतान
आप जब भी अपने क्रेडिट कार्ड से पैसे निकालें, जल्द-से-जल्द उसका भुगतान जरूर कर दें। भारी-भरकम ब्याज से बचने के लिए बेहतर रहेगा कि आप बिलिंग तारीख से पहले ही उसे चुका दें।
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