- तीली, चिमटी अब अंगुली फंसाकर एटीएम से पैसे निकालने के बाद एक और घटना
इंदौर। एटीएम से पैसे निकालने के लिए बदमाश नए-नए तरीके ईजाद करते रहते हैं। पहले तीली और चिमटी के बाद उंगली फंसाकर पैसे निकालने के मामले सामने आए। इसी तरह पीवाय रोड स्थित एसबीआई के दो एटीएम बूथों से फिर 2 लाख 30 हजार रुपए की राशि निकालने की घटना सामने आई।
राजेंद्र नगर टीआई सुनील शर्मा ने बताया कि पीवाय रोड स्थित एसबीआई के एटीएम से दो लाख 30 हजार रुपए निकले थे। आरोपी केस ट्रे में जादूगरी करते हैं। इनके पास अलग-अलग बैंकों के एटीएम रहते हैं, जो परिचितों से लिए जाते हैं। इसके बाद ये मशीन में कार्ड डालकर केस ट्रे में छेडख़ानी करते हैं। जैसे ही मशीन से रुपए निकलने की आवाज आती है तो ठग उसे रोक देते हैं। नकदी मशीन से आउटपुट वाले हिस्से के बीच में आकर रुक जाता है, जिसे ठग चालाकी से निकाल लेते हैं। इन ठगों की तलाश में तकनीकी पहलुओं की जांच की तो सामने आया कि जिन एटीएम कार्ड का रुपए निकालने में प्रयोग किया था, वे मेवात (हरियाणा) के खाताधारकों के हैं। पुलिस की टीमें इन ठगों के पीछे लग चुकी हैं।
अंगुली फंसाकर निकाल चुके हैं पैसे इससे पहले राजेंद्रनगर पुलिस ने अंकिता चौधरी की रिपोर्ट पर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। आरोपियों ने केसरबाग स्थित एसबीआई के एटीएम में अंगुली फंसाकर 21 बार में दो लाख निकाल लिए थे।
तीली फंसाकर पैसे निकालने का हुनर कुछ साल पहले इंदौर क्राइम ब्रांच ने सराफा और मल्हारगंज क्षेत्र में कुछ एटीएम में माचिस की तीली फंसाकर पैसा निकालने वाला गिरोह पकड़ा था। ये गिरोह एटीएम में तीली फंसा देता था और आसपास ही सक्रिय रहता था। जब कोई व्यक्ति वहां पैसे निकालने आता था तो तीली फंसी होने के कारण एटीएम ऑपरेट नहीं होता था। ये लोग वहां जाते और उससे कहते कि एटीएम खराब है। उसके जाने के बाद वे लोग तीली हटा देते थे, जिसके बाद एटीएम से पैसा निकल जाता था। इसका पता संबंधित व्यक्ति को मैसेज आने पर पता चलता था। यह गिरोह यूपी का था।
चिमटी से पैसा निकालने वाला इंजीनियर गिरोह कुछ दिन पहले जबलपुर पुलिस ने यूपी के एक गिरोह को पकड़ा है। यह लखनऊ और कानपुर का है। इस गिरोह के बदमाश इंजीनियर हैं। ये लोग चिमटी के माध्यम से एटीएम से पैसा निकाल लेते थे। पहले खुद का कार्ड लगाते थे और फिर चिमटी से ट्रांजेक्शन को रोक देते थे। बाद में चिमटी से पैसा निकाल लेते थे।