भोपाल। गिरदावरी को लेकर कभी पटवारियों का गलत जानकारी भर देना या फिर चौराहों पर बैठकर ही इसकी पूर्ति कर देना। कभी प्राइवेट लोगों को लगाकर इसकी भरपाई करने की शिकायत अब बंद हो जाएंगी। कई किसान समर्थन मूल्य के दौरान होने वाले पंजीयन में परेशान होते नजर आते थे, पटवारियों ने भी गिरदावरी करने का विरोध किया। अब इस तरह की समस्या पैदा ना हो इसको लेकर एक मोबाइल एप तैयार किया गया है। जिसके जरिये किसानों को गिरदावरी के लिए न तो पटवारियों के चक्कर लगाने होंगे और न सर्वे में फसल का गलत आंकलन होगा। किसान एप डाउनलोड करके खुद एप के माध्यम से सैटेलाइट के जरिये अपनी फसल की गिरदावरी कर सकेंगे।
ऐप से कर सकेंगे गिरदावरी
आयुक्त भू अभिलेख मध्य प्रदेश की ओर से इस वर्ष गिरदावरी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ई-तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत मैप आईटी के द्वारा सेटेलाइट से प्राप्त इमेज के आधार पर किसान से सत्यापन कराते हुए गिरदावरी अभिलेखों में दर्ज की जाएगी। प्रत्येक वर्ष पटवारियों को गिरदावरी करना होती थी परंतु अब किसान स्वयं अपने खेत की गिरदावरी खुद ही कर पाएंगे। इसके लिए उन्हें एमपी किसान एप प्ले स्टोर से डाउनलोड करना होगा। जिसमें सैटेलाइट इमेज के आधार पर फसल दिखाई जाएगी। यदि कृषक एप में दिखाई जाने वाली फसल से सहमत हैं, तो यस कर ओके करेंगे। इसके बाद फसल सर्वर पर अपलोड हो जाएगी।
निर्धारित समय में करना होगा
मोबाइल ऐप के माध्यम से कोई भी किसान खुद अपनी गिरदावरी कर सकता है। यह अच्छी सुविधा है लेकिन इसका समय निर्धारित किया गया है, यदि निश्चित समय पर किसान यह गिरदावरी नहीं करते तो पटवारियों का सहारा लेना पड़ेगा। उक्त प्रक्रिया में तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे कि शत-प्रतिशत गिरदावरी वास्तविक होना है।
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