इंदौर। आचार संहिता समाप्त होते ही प्राधिकरण एक दर्जन से ज्यादा टेंडर जारी करने की तैयारी में है। वहीं बोर्ड बैठक भी बुलाई जाएगी। शासन द्वारा मंजूर चार टीपीएस योजनाओं में विकास कार्य भी शुरू करवाए जा रहे हैं, जिनके लिए पूर्व की बोर्ड बैठक में लगभग 500 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति ले ली गई थी। नई सम्पत्तियों के साथ-साथ बुलाए गए फ्लायओवरों के टेंडर भी खोले जाना है। वहीं 450 करोड़ रुपए की लागत से सुपर कॉरिडोर पर जो 20 एकड़ में स्टार्टअप पार्क बनाया जाना है उसके लिए अब नए सिरे से आर्किटेक्ट कंसल्टेंसी के साथ-साथ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के भी टेंडर बुलाए जा रहे हैं।
शहर विकास के लिए नगर निगम के साथ-साथ दूसरी प्रमुख संस्था इंदौर विकास प्राधिकरण है। निगम में तो अभी नवनिर्वाचित महापौर और पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह होना है, उसके बाद सभापति, महापौर परिषद् गठन के बाद निगम में गतिविधियां शुरू होंगी। हालांकि आयुक्त ने पिछले दिनों बुलाए टेंडरों के वर्कऑर्डर जारी करने के साथ नए कार्यों की भी तैयारी कर ली है। दूसरी तरफ प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चांवड़ा का कहना है कि दो फ्लायओवरों के टेंडर भी खोले जाना है। वहीं एक दर्जन से अधिक नए विकास कार्यों के टेंडर भी बुलाए जा रहे हैं। प्राधिकरण की बोर्ड बैठक की तिथि भी तय कर दी जाएगी।
इसके साथ ही जो नई योजनाएं टीपीएस के तहत घोषित की गई है उनमें भी सडक़, ड्रैनेज सहित अन्य विकास कार्य शुरू कराए जा रहे हैं। पिछले दिनों शासन ने चार टीपीएस योजनाओं को मंजूरी दे दी थी। वहीं भंवरकुआ ओवरब्रिज के टेंडर भी खुल गए थे, जो कि 47.23 करोड़ के हैं। बोर्ड बैठक में इसे मंजूर कर वर्कऑर्डर जारी किए जाएंगे। वहीं दो फ्लायओवरों लवकुश चौराहा और खजराना चौराहा के भी खुलेंगे। इन दोनों फ्लायओवरों की अनुमानित कीमत 117 करोड़ रुपए आंकी गई है, जिसमें से लगभर 62 करोड़ रुपए लवकुश, तो 55 करोड़ खजराना फ्लायओवर पर खर्च होना है, लेकिन अभी टेंडर खुलने पर ही पता चलेगा कि कितनी राशि के टेंडर निर्माण कम्पनियों ने भरे हैं।
वहीं अन्य प्रस्तावित फ्लायओवरों के लिए भी फिजिबिलिटी सर्वे करवाया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की मंशा अनुरूप प्राधिकरण सुपर कॉरिडोर पर स्टार्टअप पार्क की स्थापना भी कर रहा है। जिस तरह खंडवा रोड पर क्रिस्टल आईटी पार्क बनाया गया है, उसी तरह के बहुमंजिल कॉम्प्लेक्स स्टार्टअप कम्पनियों के लिए भी बनाए जाएंगे, जो लीज पर उपलब्ध होंगे। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने इंदौर में ही स्टार्टअप पॉलिसी की लॉन्चिंग भी की और उसी के साथ प्राधिकरण ने स्टार्टअप हब बनाने की तैयारी भी शुरू कर दी। सुपर कॉरिडोर पर 20 एकड़ में यह स्टार्टअप पार्क बनेगा। पिछले दिनों आर्किटेक्ट के टेंडर तो बुलाए थे, जो निरस्त कर दिए, क्योंकि अब आर्किटेक्ट के साथ कंसल्टेंसी और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट का जिम्मा भी प्राधिकरण देना चाहता है। इस स्टार्टअप हब का पूरा प्रोजेक्ट लगभग 450 करोड़ रुपए का है। इंदौर में फिलहाल छोटे-बड़े 800 से अधिक स्टार्टअप काम कर रहे हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved