नई दिल्ली: वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने बालाकोट एयर स्ट्राइक पर एक बयान दिया है. 15वें जंबो मजूमदार अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में एक संबोधन के दौरान उन्होंने कहा वायु सेना ने बालाकोट जैसे अभियानों से साफ कर दिया है कि अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति हो तो सीमा से पार जाकर भी दुश्मन को हवाई ताकत दिखाई जा सकती है.
वायु सेना प्रमुख ने कहा, बालाकोट जैसे अभियानों से साफ हो जाता है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति हो तो हवाई शक्ति का उपयोग दुश्मन की सीमा से परे, बिना युद्ध और बिना शांति के परिदृश्य में, परमाणु खतरे की स्थिति में, पूरी तरह संघर्ष की स्थिति में बिना बढ़े किया जा सकता है.
अंतरिक्ष का सैन्यीकरण जरूरी
वायु सेना प्रमुख वी आर चौधरी ने कहा कि जैसे-जैसे देश तेजी से अंतरिक्ष-आधारित संसाधनों पर निर्भर हो रहे हैं, अंतरिक्ष का सैन्यीकरण और शस्त्रीकरण अपरिहार्य वास्तविकता बन गया है.आगे उन्होंने कहा कि सैन्य अभियानों के लिए अंतरिक्ष एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के तौर पर उभरा है जहां निर्बाध संचार, मार्ग निर्देशन और निगरानी क्षमताएं आधुनिक सैन्य बलों की बने रहने की क्षमता को और बढ़ाएंगी.
कैसे हुई बालाकोट पर एयर स्ट्राइक
सेना को इस ऑपरेशन के लिए समय और जगह तय करने की छूट दे दी गई थी. इसके बाद 12 मिराज 200 फाइटर जेट्स एलओसी को पार कर पाकिस्तान में घुस गए. 26 फरवरी को रात में तीन बजे भारत ने देशवासियों से किया वादा पूरा किया दिया था. भारतीय वायु सेना के जांबाज फाइटर मिराज 2000 लेकर बालाकोट तक गए. खुफिया इनपुट के आधार पर जैश ए मोहम्मद के ठिकानों को ध्वस्त कर दिया. इस हमले में तकरीबन 300 आतंकी मारे गए थें. एयरस्ट्राइक में कई हजार किलो बम बरसाए गए थे. इस प्लान को अंजाम देने की जिम्मेदारी पीएम मोदी ने एनएसए अजित डोभाल को दी थी.
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