नई दिल्ली। मूनलाइटिंग यानी एक साथ दो जगह नौकरी करने पर विप्रो लगाम लगाने की तैयारी कर ली है। इसने कर्मचारियों को एक ईमेल भेजकर कहा है कि हफ्ते में तीन दिन ऑफिस आना होगा। इस नियम को 10 अक्तूबर से लागू किया जाएगा। इसके साथ ही बुधवार को कार्यालय नहीं खोला जाएगा। ईमेल में कंपनी ने कहा कि इस कदम से टीम की गति बढ़ेगी और जो लोग हाइब्रिड तरीके से काम कर रहे हैं उनके साथ भी जुड़ाव रहेगा।
पिछले महीने ही विप्रो ने ऐसे 300 कर्मचारियों को निकाल दिया था। इससे पहले आईटी की ही दूसरी कंपनी टीसीएस ने अपने 85 फीसदी कर्मचारियों को कहा था कि वे हफ्ते में तीन बार ऑफिस आएं। जबकि वरिष्ठ अधिकारियों को हफ्ते में 5 दिन ऑफिस आना होगा। कोविड-19 के कारण कंपनियों ने घर से काम करने की मंजूरी दी थी। इसके बाद यह देखा गया कि कर्मचारी एक साथ दो-दो नौकरी कर रहे हैं जिसे मूनलाइट कहा जाता है।
मूनलाइटिंग का मतलब क्या है?
जब कोई कर्मचारी अपनी नियमित नौकरी के साथ ही किसी अन्य कंपनी या प्रोजेक्ट के लिए भी काम करता है तो उसे तकनीकी तौर पर मूनलाइटिंग कहा जाता है। कई लोग बिना कंपनी को जानकारी दिए दूसरी कंपनिया या प्रोजेक्ट के लिए काम करते हैं।
फ्रीलांसिंग से इस तरह अलग है मूनलाइटिंग
ये फ्रीलांसर से पूरी तरह अलग होता है क्योंकि फ्रीलांसर किसी कंपनी के नियमित कर्मचारी नहीं होते और कंपनियां उन्हें सिर्फ काम का मेहनताना देती हैं। हालांकि नियमित कर्मचारियों को वेतने के अतिरिक्त कई अन्य भत्ते कंपनियां देती हैं। एक कंपनी से नियमित वेतन हासिल करने के साथ दूसरे प्रोजेक्ट में काम करने पर इंडस्ट्री में कई लोगों को आपत्ति है।
कोरोना काल में बढ़ी मूनलाइटिंग
कोरोना काल के साथ ही देश में मूनलाइटिंग बढ़ी है क्योंकि उस दौरान सैलरी घटने या नौकरी छूटने से लोग अतिरिक्त आय के लिए हाथ पैर मार रहे थे। तो दूसरी तरफ छोटी कंपनियां लागत घटाने के लिए प्रोजेक्ट के आधार पर काम ऑफर कर रही थीं जिससे मूनलाइटिंग का चलन काफी बढ़ गया।
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