नई दिल्ली । Russia ने Ukraine पर अपना स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन शुरू कर दिया है. इसमें साइबर-वार पर दुनिया की नजर है. रिपोर्ट्स के अनुसार यूक्रेन पर बड़ा साइबर हमला किया जा रहा है. यूक्रेन की कई सरकारी वेबसाइट्स को हैक किया जा चुका है. इसमें बड़ा कंसर्न Wiper मैलवेयर को लेकर है.
Wiper मैलवेयर से किसी भी सिस्टम में स्टोर डेटा को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है. यानी फिर इसे रिकवर करना पॉसिबल नहीं है. रिपोर्ट के अनुसार कुछ हैकिंग टूल्स को हाल ही में डेवलप किया गया है.
इन टूल्स के जरिए ही यूक्रेन पर साइबर हमला किया जा रहा है. यानी इन मैलवेयर का काउंटरअटैक सॉफ्टवेयर बनाने में समय लग सकता है. जिसका फायदा अटैकर्स को मिल रहा है. अब ऐसे में सवाल उठता है कि Wiper मैलवेयर क्या है और ये पीसी पर कैसे अटैक करता है.
क्या है Wiper मैलवेयर?
जैसा की नाम से ही साफ है ये मैलवेयर इंफैक्टेड सिस्टम के सभी डेटा को डिलीट कर देता है. सबसे खतरनाक बात ये है कि डेटा को फिर से रिकवर नहीं किया जा सकता है. यानी जो चला गया वो चला गया.
दूसरे पब्लिक मैलवेयर की तरह इसका यूज पैसे चुराने या सिस्टम को कंट्रोल में लेने के लिए नहीं किया जाता है. Wiper का मकसद सिस्टम को पूरी तरह से खत्म कर देना है. इस वजह से युद्ध के समय Wiper का यूज बेनिफिट देता है.
Wiper मैलेवयेर कैसे करता है टारगेट?
Wiper मैलवेयर यूज करने के पीछे की वजह इसके होने का सबूत मिटाना है. यानी जो भी इसका यूज करता वो दुनिया के सामने नहीं आना चाहता है. इस केस में रिपोर्ट में बताया गया है इसका यूज रूस कर रहा है जबकि वो इन आरोपों का खंडन कर रहा है.
Wiper सिस्टम रिकवरी टूल को अटैक करने में कैपेबल है. इससे यूजर के पास कुछ भी दावा के लिए बचता है. ऐसा संभव है कि ये मैलवेयर ह्यूमन एरर या साइबर हाइजिन की कमी का फायदा उठा कर सिस्टम को टारगेट करता है. सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स किसी सस्पेक्टेड फाइल या सॉफ्टवेयर को डाउनलोड ना करने की सलाह देते हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved