नई दिल्ली। बांग्लादेश (Bangladesh) के विकेटकीपर बल्लेबाज (Wicketkeeper batsman) लिटन कुमार दास (Liton Kumar Das) ने कहा है कि पाकिस्तान के खिलाफ उनका दमदार और ऐतिहासिक शतक लगाना अतीत की बात हो गई है और अब उन्हें भारत के खिलाफ आगामी सीरीज पर ध्यान देने की जरूरत है। बांग्लादेश 15 सितंबर को दो टेस्ट (Two Test) और तीन टी20 इंटरनेशनल मैच (three T20 International matches) खेलने के लिए भारत (India) आएगा। टेस्ट सीरीज की शुरुआत 19 सितंबर से होगी, जो चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेला जाएगा।
बांग्लादेश ने पहली बार पाकिस्तान को टेस्ट मैच में हराया था और अगला मैच जीतकर पहली बार ही टेस्ट सीरीज जीती थी। इससे बांग्लादेश की टीम का मनोबल ऊंचा है, लेकिन लिटन दास ने कहा कि उन्हें लगता है कि जश्न खत्म हो गया है और अब उन्हें अपनी उपलब्धियों पर आराम करने के बजाय अपने अगले काम पर फोकस करने की जरूरत है। क्रिकबज के मुताबिक, लिटन दास ने मंगलवार को शेर-ए-बांग्ला नेशनल स्टेडियम में संवाददाताओं से कहा, “हमने पाकिस्तान के खिलाफ बहुत अच्छा खेला है। वह पहले से ही अतीत की बात है।”
उन्होंने आगे कहा, “जाहिर है, यह बहुत महत्वपूर्ण है (पाकिस्तान सीरीज को पीछे छोड़ना) और आपको (मीडिया को) भी थोड़ी मदद करने की जरूरत है। बेहतर होगा कि आप पाकिस्तान सीरीज के बारे में ज्यादा बात ना करें। आगे एक बड़ी चुनौतीपूर्ण सीरीज है (भारत के खिलाफ)। एक खिलाड़ी के तौर पर मेरे लिए, वह अतीत की बात है (पाकिस्तान सीरीज), लेकिन हमने निश्चित रूप से उससे आत्मविश्वास हासिल किया है। जब हम भारत से उनके घर पर खेलते हैं, तो वे हमेशा बेहतर टीम होते हैं। मैं यह नहीं कहूंगा कि यह बहुत चुनौतीपूर्ण या बहुत आसान होगा। वे अपनी परिस्थितियों में बहुत अच्छी टीम हैं। अगर आप रैंकिंग देखें, तो वे बहुत ऊपर हैं। इसलिए मुझे लगता है कि यह हमारे लिए एक चुनौतीपूर्ण सीरीज होगी।”
लिटन दास ने ये भी माना है कि कूकाबुरा बॉल के बाद एसजी बॉल से खेलना चुनौतीपूर्ण होगा। उन्होंने कहा, “हम उस गेंद से बहुत कम खेलते हैं। यह चुनौतीपूर्ण होगा। खिलाड़ी बहुत मेहनत कर रहे हैं। तैयारी के लिए, हम जितना संभव हो सके मुख्य गेंदबाजों का सामना कर रहे हैं। एसजी गेंद थोड़ी मुश्किल है। जब गेंद नई होती है तो कूकाबुरा से खेलना मुश्किल होता है, लेकिन गेंद पुरानी होने पर इसे खेलना आसान होता है। हालांकि, एसजी गेंद के साथ, नई गेंद से खेलना कुछ हद तक आसान है, लेकिन पुरानी गेंद से खेलना कठिन है। हम अभ्यास कर रहे हैं, देखते हैं क्या होता है।”
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