उज्जैन। लगातार तेज हवा के साथ हो रही बारिश ने चिंतामण जवासिया सहित जिले के अन्य गाँवों के किसानों की चिंता बढ़ा दी है। इसके कारण सोयाबीन के पौधे खेतों में कई जगह आड़े पड़ गए हैं और पानी भर जाने के कारण सडऩे लगे हैं। सतत बारिश के कारण सोयाबीन में एक बार फिर पीला मौजक वायरस फैलने लगा है।
पिछले एक सप्ताह से जिले में रूक-रूक कर रिमझिम बारिश का दौर चल रहा था। इसके कारण सोयाबीन की फसल को कोई नुकसान नहीं हो रहा था लेकिन दो दिन से हो रही हवा के साथ बारिश ने सोयाबीन के खेतों में फसलों को नुकसान पहुँचाना शुरु कर दिया है। चिंतामण जवासिया के किसान अजय पटेल ने बताया कि तीन दिन से लगातार बिना रूके बारिश होने से सोयाबीन के पौधों में पीला मोजक वायरस पनपने लगा है। इधर लगातार बारिश के कारण गाँव के कई खेतों में खड़ी फसल के बीच पानी भर गया है और पौधे आड़े पड़ गए हैं। उल्लेखनीय है कि साल 2008 में जब इसी तरह लगातार बारिश हुई थी तो पूरे जिले में सोयाबीन की फसल पीले मौजक वायरस की चपेट में आ गई थी और बड़ा नुकसान हुआ था।
20-25 दिन बाद पकने वाली थी फसल
उल्लेखनीय है कि जिले में इस बार 4 हजार हेक्टेयर के दायरे में सोयाबीन की उपज बोई है। किसानों ने बताया कि जिले में ज्यादातर बोई गई सोयाबीन की उपज को पकने में लगभग 20 से 25 दिन शेष रह गए हैं लेकिन तीन दिन से शुरु हुई लगातार बारिश ने पकने की कगार पर पहुँचे सोयाबीन के पौधों को काफी नुकसान पहुँचाया है। कई खेतों में पानी जमा होने से सोयाबीन के पौधे सडऩे भी लगे हैं।
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