लंदन। समीर बनर्जी (Sameer Banerjee) विंबलडन चैंपियनशिप (Wimbledon Championship) के फाइनल में हमवतन विक्टर लिलोव को रविवार को एक घंटे 21 मिनट में 7-5, 6-3 से हराकर ग्रैंड स्लैम लड़कों का एकल खिताब जीतने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी खिलाड़ी (Indian-American players) बने।
प्रकाश अमृतराज और उनके चचेरे भाई स्टीफन अमृतराज जैसे भारतीय-अमेरिकी खिलाड़ी पर खेले हैं और कुछ खिताब भी जीते हैं लेकिन समीर ग्रैंड स्लैम (Grand Slam) में लड़कों का एकल खिताब जीतने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी खिलाड़ी हैं।
चार भारतीयों – रामनाथन कृष्णन, रमेश कृष्णन, लिएंडर पेस और युकी भांबरी ने ग्रैंड स्लैम स्पर्धाओं में लड़कों का एकल खिताब जीता है।
न्यू जर्सी के 17 वर्षीय दाएं हाथ के खिलाड़ी ने सेमीफाइनल मुकाबले में दो घंटे से कम समय में साशा गुयेमार्ड वायेनबर्ग को 7-6 (3), 4-6, 6-2 से हराया।
छह साल की उम्र में टेनिस खेलना शुरू करने वाले समीर हाल ही में फ्रेंच ओपन के पहले दौर में हार गए थे। अब समीर साल 2015 के बाद विंबलडन बालक चैम्पियन बनने वाले पहले और यह खिताब हासिल करने वाले कुल 12वें अमेरिकी बन गए हैं।
मैच के बाद समीर ने कहा, यह गजब का अनुभव था। यह निश्चित रूप से सबसे बड़ी भीड़ है जिसके सामने मैं खेला। और मुझे लगता है कि मेरे पास अधिकांश भाग के लिए भीड़ का समर्थन था, इसलिए यह एक अद्भुत अनुभव था, और फिर उसके ऊपर जीतना कुछ ऐसा है जो मैं हमेशा याद रखूंगा।
हालांकि उन्होंने दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित टेनिस टूर्नामेंट्स (tennis tournaments) में से एक का खिताब जीता है लेकिन बावजूद इससे वह अभी भी कॉलेज जाना चाहते हैं।
समीर ने कहा, मुझे लगता है कि मेरे लिए कॉलेज एक अच्छी चरित्र-निर्माण की चीज होगी, क्योंकि मुझे यकीन नहीं है कि मैं अभी पूरी तरह से पेशेवर होने के लिए पूरी तरह से तैयार हूं, इसलिए अभी के लिए, मैं अभी भी शायद कॉलेज जाने वाला हूं।
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