दमोह: राम आएंगे… राम आ रहे हैं… 22 जनवरी 2024 को प्रभु राम अपने मंदिर में विराजमान होंगे. श्रीराम मंदिर का निर्माण सिर्फ आस्था की जीत नहीं, बल्कि अथक परिश्रम की सफलता का प्रतीक भी है. ऐसा परिश्रम जो भक्त भगवान के लिए कई सालों से करते रहे. दमोह के भी एक भक्त प्रभु राम के लिए 27 साल से नंगे पाव घूमते रहे.
दमोह से करीब 35 किलोमीटर दूर बटियागढ़ के रहने वाले बल्लू उर्फ बलराम पांडेय करीब 27 वर्ष पहले मित्र के साथ अयोध्या रामलला के दर्शन करने गए थे. जहां पर बल्लू ने सभी देवी-देवताओं के दर्शन किए. जैसे ही बल्लू रामलल के दर्शन करने पहुंचे तो बल्लू ने देखा कि दशरथ नंदन प्रभु श्रीराम एक ढबुये (टेंट) में विराजमान हैं.
जिनकी एक झलक देख बल्लू मन ही मन बड़े दुखी हुए, तभी बल्लू ने संकल्प लिया कि “कोई ऐसा कार्य करूं, जिससे मुझे रामलला सरकार की इस स्थिति का ध्यान सदा बना रहे. तब से ईश्वर से लगातार यह प्रार्थना करता रहा कि अयोध्या में रामलला सरकार का एक भव्य मंदिर का निर्माण हो, तभी मैं जूते चप्पल पहनूंगा.”
बलराम पांडेय ने बताया कि वह बचपन से भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त हैं. इतना ही नहीं जब वह अपने मित्र के साथ प्रभु श्रीराम के दर्शन करने के लिए अयोध्या पहुंचे तो प्रभु एक टेंट में विराजमान थे, जिन्हें देख बल्लू की आंखें नम हो गईं. तभी बलराम ने मन ही मन संकल्प लिया कि जब तक रामलला का भव्य मंदिर नहीं बन जाता, तब तक जूते चप्पल नहीं पहनेंगे. उस दिन के बाद से मैं अपने सारे कामकाज नंगे पैर ही करता हूं.
बल्लू गांव के मंदिरों में जाकर सिर्फ इसी सपने को संजोए हुए थे कि कब वह खुशी की बेला आएगी, जब अयोध्या में रामलला सरकार का भव्य मंदिर बनेगा. अब 22 जनवरी 2024 को बलराम पांडेय का संकल्प पूरा होने जा रहा है. इस पावन दिन पर अयोध्या पहुंचकर सरयू नदी में स्नान करने के बाद ही जूते-चप्पल पहनेंगे.
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