उज्जैन। उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा करीब 12 साल पहले नानाखेड़ा क्षेत्र में ट्रेजर बाजार के सामने लाखों रूपये की लागत से ज्योतिबा फुले सब्जी मंडी का निर्माण कराया था। निर्माण के बाद से यहां आवंटित दुकानों पर व्यवसाय शुरु नहीं हो पाया था। हालांकि करीब 7 साल पहले इसे शुरु करने के प्रयास हुए थे। लेकिन वह भी विफल रहे और तभी से मंडी का पूरा परिसर मजदूरों और बंजारों के आवासीय डेरे में बदला नजर आता है। उम्मीद है कि नए साल 2025 में यूडीए इसे नए सिरे से आबाद करने में सफल हो पाएगा।
सप्ताह में एक दिन लगने लगी थी मंडी
सालों पहले बनी ट्रेजर बाजार के सामने विकास प्राधिकरण ने ओपन सब्जी मंडी में शेड निर्मित किया था। नानाखेड़ा क्षेत्र के रहवासियों के लिए ट्रेजर बाजार के सामने यूडीए ने ओपन सब्जी मंडी बनाई थी। जिसका उद्देश्य था कि लोगों को व्यवस्थित सब्जी मंडी में मिले, लेकिन बीते कई सालों से यह मंडी शुरू ही नहीं हो पाई। साल 2017 के जुलाई-अगस्त महीने में मंडी को शुरू करने की कवायद हुई थी। इसके बाद सप्ताह में एक दिन दुकानें मंडी में लगने लगी थी। उस समय यूडीए ने भी मंडी के ओटले मालिकों को नोटिस भेजकर दुकानें लगाने का कहा था। वहीं मंडी में जमे दिहाड़ी मजदूरों के परिवारों के अतिक्रमण भी हटाए थे। बावजूद इसके कुछ महीनों बाद वापस से मंडी में दुकानें लगना बंद हो गई थी और दोबारा से मंडी शेड में मजदूर परिवारों का बसेरा हो गया था। तभी से यहां सब्जी की दुकानें सड़क पर लग रही हैं। गौरतलब है कि महानंदा सब्जी मंडी को शुरू करवाने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों और विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने कई बार प्रयास किए लेकिन दुकानदार नहीं माने। उस दौरान तत्कालीन महापौर मीना जोनवाल ने भी मंडी को शेड में लगाने के प्रयास किए थे। उन्होंने क्षेत्र का दौरा कर समझाइश भी दी थी। नए साल 2025 में उम्मीद जताई जा रही है कि जनप्रतिनिधी और विकास प्राधिकरण के अधिकारी इस मंडी को व्यवस्थित रूप से शुरु करा पाएंगे।
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