• img-fluid

    ब्रिटिश सियासत का ये संयोग बनेगा ऋषि सुनक का गुडलक? 10 डाउनिंग स्ट्रीट अब दूर नहीं

  • July 27, 2022


    नई दिल्ली: ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी के नेता और पीएम की रेस निर्णायक दौर में पहुंच गई है. दोनों उम्मीदवार ऋषि सुनक और लिज ट्रस कंजर्वेटिव पार्टी को अपने पक्ष में करने के लिए पूरा ताकत झोंक रहे हैं. सोमवार को दोनों उम्मीदवारों के बीच पहली बीबीसी टीवी पर बहस भी हुई. भले ही इस बहस में कोई विजेता घोषित न हुआ हो, लेकिन सट्टेबाजों की नजर में लिज ट्रस ऋषि सुनक पर बढ़त बनाती हुई नजर आ रही हैं.

    सट्टेबाजी से जुड़ी वेबसाइट Oddschecker के मुताबिक, बोरिस जॉनसन के बाद पीएम बनने की रेस में 75% चांस लिज ट्रस के हैं. जबकि सुनक के जीतने के सिर्फ 25% चांज नजर आ रहे हैं. वहीं, कंजर्वेटिव पार्टी के 507 कार्यकर्ताओं पर हुए YouGov के सर्वे में 63% वोट लिज ट्रस को मिले. वहीं, सुनक के पक्ष में सिर्फ 19% कार्यकर्ता रहे. कुछ सट्टेबाजों ने 1/4 ऑड्स की पेशकश की.

    बीबीसी डिबेट को लेकर क्या है लोगों की राय?
    बीबीसी की बहस को लेकर हुए एक ओपिनियन पोल में सुनक के पक्ष में 39% लोग नजर आए तो ट्रस को 38% लोगों ने बेहतर बताया. इस ओपनियन पोल में ब्रिटेन के 1032 वयस्क शामिल थे. हालांकि, कंजर्वेटिव पार्टी के 47% वोटर ट्रस के पक्ष में दिखे जबकि सुनक के पक्ष में 38% वोटर रहे. बीबीसी की इस डिबेट में सुनक और ट्रस के बीच टैक्स से लेकर यूक्रेन मुद्दे तक पर चर्चा हुई.

    ब्रिटेन में कैसे होता है कंजर्वेटिव पार्टी के नेता का चयन
    ब्रिटेन में अभी कंजर्वेटिव पार्टी सत्ता में है. ऐसे में पार्टी का नेता ही अगला पीएम होगा. पार्टी के नए नेता और ब्रिटेन के पीएम का ऐलान 5 सितंबर को किया जाएगा. कंजर्वेटिव पार्टी में नेतृत्व का चुनाव दो चरणों में होता है. पहले चरण में सांसद वोटिंग करके 2 उम्मीदवारों का चयन करते हैं. इस बार नेतृत्व के चुनाव में 8 उम्मीदवार मैदान में थे.


    सांसदों ने 5 राउंड वोटिंग की. हर बार कम वोट मिलने वाला उम्मीदवार बाहर हो गया. अब रेस में सिर्फ दो उम्मीदवार ऋषि सुनक और लिज ट्रस रह गए. खास बात ये रही कि सभी 5 राउंड में हुई वोटिंग में ऋषि सुनक सांसदों की पहली पसंद रहे. जबकि ट्रस चार चरणों तक तीसरे और आखिरी राउंड में दूसरे नंबर पर आईं.

    भले ही कंजर्वेटिव पार्टी में सांसद आखिर 2 उम्मीदवार रहने तक वोटिंग में हिस्सा लेते हों, लेकिन पार्टी नेता के नाम पर अंतिम मुहर कार्यकर्ताओं की ही लगती है. अब ऋषि सुनक और लिज ट्रस देशभर में प्रचार में जुट गए हैं और पार्टी के कार्यकर्ताओं से वोट देने की अपील कर रहे हैं. कंजर्वेटिव पार्टी के करीब 1.8 लाख वोटर पोस्टल बैलेट से मतदान करेंगे और ऋषि सुनक और लिज ट्रस में एक को अपना नेता चुनेंगे.

    क्या कंजर्वेटिव सदस्य पलट देंगे सांसदों का फैसला?
    ब्रिटेन में बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद से पीएम पद को लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं. सर्वे भी हो रहे हैं. पिछले दिनों YouGov ने पार्टी के 730 सदस्यों पर एक सर्वे किया था. इसमें 62% लोगों ने लिज ट्रस के समर्थन में वोट किया. जबकि ऋषि सुनक को 38% ने अपना समर्थन किया. हालांकि, अभी सिर्फ सर्वे हो रहे हैं. जबकि पार्टी नेतृत्व का फैसला 1.8 लाख कार्यकर्ताओं को करना है. ऐसे में नतीजे कुछ और भी हो सकते हैं.

    उम्मीदवारों के नामांकन से पहले सट्टेबाजों की नजर में पेनी मोर्डेंट सबसे आगे थीं. लेकिन वे आखिरी राउंड की वोटिंग में बाहर हो गईं. इतना ही नहीं ब्रिटिश अखबार द्वारा कंजर्वेटिव पार्टी के कार्यकर्ताओं का सर्वे कराया गया था. इसमें पेनी मोर्डेंट सबसे आगे थीं. उन्हें 19.6% लोगों ने अपना समर्थन किया था.

    जबकि केमी बडेनॉच 18.7% के साथ दूसरे और ऋषि सुनक 12.1% के साथ तीसरे नंबर पर थे. वहीं, सुएला ब्रेवरमैन को 11.05% और लिज ट्रस को 10.93% लोगों ने समर्थन दिया था. यानी लिज इस सर्वे में 5वें नंबर पर थीं. अब ऋषि सुनक और लिज को छोड़कर बाकी उम्मीदवार पीएम की रेस से बाहर हो गए हैं. वहीं, लिज सर्वे में पहले नंबर पर आ गई हैं.

    21 साल के इतिहास में सिर्फ एक बार हुआ ऐसा
    1965 से पहले तक कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद आपस में चर्चा करके नए नेता का चुनाव करते थे, तब पार्टी में चुनाव नहीं होते थे. हालांकि, 1965 में तत्कालीन पार्टी नेता एलेक्स डगलस-होम ने नई प्रक्रिया का ऐलान किया, कि भविष्य में नए नेता को कंजर्वेटिव सांसद मतदान से चुनेंगे. पहले राउंड में जीतने के लिए उम्मीदवार को 50% से ज्यादा वोट हासिल करने होंगे.


    अगर किसी को 50% से ज्यादा वोट नहीं मिलते तो चुनाव तब तक होता रहेगा, जब तक उम्मीदवार को 50% वोट नहीं मिलते. लेकिन मौजूदा नियमों को 1998 में कंजर्वेटिव पार्टी के तत्कालीन नेता विलियम हेग द्वारा लाया गया था. यानी पार्टी नेतृत्व के चुनाव में पहले चरण में सांसद और दूसरे चरण में पार्टी के सदस्य हिस्सा लेने लगे.

    1998 के बाद से कंजर्वेटिव पार्टी में 2001, 2005, 2016, 2019 और 2022 में पार्टी नेतृत्व को लेकर चुनाव हुआ है. खास बात ये है कि सिर्फ एक बार 2001 में ऐसा हुआ, जब सांसदों की वोटिंग में पहले नंबर पर रहे उम्मीदवार को कार्यकर्ताओं ने वोटिंग में हरा दिया.

    2001 में पार्टी नेतृत्व के चुनाव में माइकल पोर्टिलो (Michael Portillo) दो चरणों की वोटिंग में नंबर 1 पर रहे. जबकि तीसरे चरण में वे तीसरे नंबर पर पहुंचकर बाहर हो गए. वहीं, सांसदों की वोटिंग में तीनों चरणों में नंबर दो पर रहे डंकन स्मिथ को पार्टी के कार्यकर्ताओं ने नेता चुना.

    Share:

    बॉलीवुड में नहीं चला राजेश खन्ना की बेटी रिंकल का जादू, जानिए वजह

    Wed Jul 27 , 2022
    बॉलीवुड में जरूरी नहीं है कि हर स्टार किड फेमस (star kid famous) और पॉपुलर हो। कुछ स्टार किड्स (star kids) फिल्मों में आते तो है लेकिन उनका सिक्का नहीं चलता हैं। आज राजेश खन्ना और डिंपल कपाड़िया (Dimple Kapadia) की छोटी बेटी रिंकल (Rinke Khanna)का जन्मदिन है। आपको बता दें कि रिंकी खन्ना (Rinke […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved