कीव। रूस (Russia) और यूक्रेन(Ukraine) के बीच तनाव तो पहले से बढ़ रहा था, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति (US President) जो बाइडन (Joe Biden)के यूक्रेन के राष्ट्रपति (President of Ukraine) वोलोदीमीर जेलेन्स्की (Volodymyr Jelensky) को फोन करने के बाद अब दोनों देशों के बीच युद्ध होने की आशंका गहरा गई है। बाइडन ने जेलेन्स्की से 50 मिनट तक बातचीत की। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन की संप्रभुता और प्रादेशिक अखंडता की रक्षा के लिए अपने अटूट समर्थन को दोहराया। इसके पहले उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने यूक्रेन के पूर्वी इलाके दोनबास की तरफ रूसी सेना के बढ़ने की बात कहते हुए उस पर चिंता जताई थी। दोनबास में रूस समर्थक गुटों की यूक्रेन की सेना से लड़ाई चल रही है।
नाटो ने ये चेतावनी सोशल मीडिया पर शेयर की गई तस्वीरों के आधार पर दी, जिनमें रूसी फौज को यूक्रेन की सीमा की तरफ जाते दिखाया गया है। लेकिन इन तस्वीरों की किसी देश ने आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की है। इस तस्वीरों में दिखाया गया है कि रूसी सेना टैंकों के साथ क्राइमिया इलाके की तरफ बढ़ रही है, जिस पर रूस ने सात साल पहले कब्जा कर लिया था। साथ ही उसे दोनबास के उन इलाकों की तरफ जाते दिखाया गया, जो रूस समर्थक अलगाववादियों के नियंत्रण में हैं। यूरोपीय देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन फॉर सिक्योरिटी एंड को-ऑपरेशन इन यूरोप (ओएससीई) ने कहा है कि हाल के दिनों में रूस और यूक्रेन के बीच सैकड़ों बार युद्धविराम का उल्लंघन हुआ है। इसमें 493 उल्लंघन तो एक ही दिन में पिछले 26 मार्च को दोनेत्स्क इलाके में हुए। इन उल्लंघनों के दौरान ज्यादातर छोटे हथियारों से फायरिंग हुई है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने दावा किया है कि रूसी सेनाओं की फायरिंग में यूक्रेन के चार सैनिक मारे जा चुके हैं। उनके अलावा दो फौजी घायल हुए हैं। यूक्रेन के विदेश मंत्री ने दिमित्री कुलेबा ने रूस से अपील की है कि बढ़ रहे सैनिक टकराव को वह रोके। साथ ही यूक्रेन के साथ युद्धविराम के प्रति वह बिना शर्त अपनी वचनबद्धता का एलान करे। लेकिन रूस का कहना है कि उसने सैनिक अपनी सीमा के अंदर तैनात किए हैं। उससे किसी देश के लिए खतरा पैदा नहीं हुआ है। गुरुवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा था कि रूस के सैनिक अधिकारी इस बात को समझते हैं कि टकराव बढ़ाने वाला कोई कदम हानिकारक साबित होगा। उन्होंने कहा कि रूस को आशा है कि ‘वह समझदार लोगों से बात कर रहा है, जो टकराव में और बढ़ोतरी के खतरों को समझते हैं।’ ऐसे बयानों से भी माहौल गर्म हुआ है। इसे देखते हुए विश्लेषकों का कहना है कि युद्ध की संभावना से बिल्कुल इनकार नहीं किया जा सकता। अमेरिकी थिंक टैंक अटलांटिक काउंसिल के प्रकाशन यूक्रेन अलर्ट के संपादक पीटर डिकिनसन ने टीवी चैनल यूरो से कहा कि यूक्रेन पर रूसी हमले की संभावना खारिज नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा- ‘2014 में किसी ने नहीं सोचा था कि रूस पूर्वी यूक्रेन पर हमला करेगा। इसलिए आप किसी संभावना से इनकार नहीं कर सकते।’ उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन सहमति के कोई बिंदु नहीं तलाश पाए हैं। शांति प्रक्रिया रुक गई है, बल्कि यह पूरी तरह गतिरुद्ध हो चुकी है। विश्लेषकों का कहना है कि 2019 में जब यूक्रेन के जेलेन्स्की राष्ट्रपति चुने गए, तो रूस में उम्मीद पैदा हुई थी कि अब रूस ज्यादा लचीला रुख अपनाएगा। लेकिन यूक्रेन का सख्त रुख कायम रहा है। उधर रूस ने 2014 में कब्जा किए गए क्राइमिया के इलाके और पूर्वी यूक्रेन के क्षेत्रों के बीच जमीनी पुल बनाने की कोशिश की है। इसे इस बात का संकेत समझा गया है कि रूस उस पूरे क्षेत्र पर कब्जा करना चाहता है। इससे युद्ध की आशंकाएं गहराई हैं।