ढाका. बांग्लादेश (Bangladesh) में शेख हसीना सरकार (Sheikh Hasina Government) के तख्तापलट के बाद से स्थिति सामान्य होने का नाम नहीं ले रही है. नई खबर यह है कि बांग्लादेश के आर्मी चीफ (Army chief) ने अपने सैनिकों को ढाका (Dhaka) में जमा होने का आदेश दे दिया है. यह आदेश क्यों दिया गया है, यह तो साफ नहीं हुआ है लेकिन पिछले कुछ हफ्तों के घटनाक्रम देखें तो यह आदेश कोई बड़ी घटना का संकेत हो सकता है.
नार्थ-ईस्ट न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश आर्मी ने शुक्रवार को अज्ञात संख्या में बख्तरबंद वाहन और हर ब्रिगेड से 100 सैनिकों को ढाका पहुंचने का निर्देश दिया. इस रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सावर स्थित 9वीं डिवीजन के सैनिकों ने ढाका में पहुंचना शुरू भी कर दिया है.
इन दो घटनाओं से जुड़ा हो सकता है सेना का यह फरमान
हाल ही में दो ऐसी घटना हुई है, जिससे चलते संभवतः सेना ने यह कदम उठाया होगा. कुछ दिनों पहले छात्र नेता और ग्रामीण विकास व सहकारिता मंत्रालय के सलाहकार आसिफ महमूद शाजिब भुइयां का एक पुराना वीडिया सामने आया, जिसमें वह दावा करते नजर आए कि सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने अनिच्छा से मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की बागडोर देने पर सहमति व्यक्त की थी.
इससे पहले, एक अन्य छात्र नेता हसनत अब्दुल्ला ने 11 मार्च को जनरल जमान के साथ हुई एक गुप्त बैठक के बाद सेना के खिलाफ आंदोलन शुरू करने की सार्वजनिक रूप से धमकी दी थी. ऐसा इसलिए क्योंकि आर्मी चीफ ने शेख हसीना की पार्टी ‘अवामी लीग’ के बांग्लादेश की राजनीति में वापस आने और चुनाव लड़ने की बात कही थी.
आर्मी चीफ ने क्यों उठाया यह कदम?
आर्मी चीफ और वर्तमान में बांग्लादेश की सत्ता संभाल रहे नेताओं के बीच सबकुछ ठीक नजर नहीं आ रहा है. कई रिपोर्ट्स में यह सामने आया है कि आर्मी चीफ यूनुस प्रशासन को बांग्लादेश के हालातों पर नियंत्रण के लिए लगातार चेतावनी दे रहे हैं. ऐसे में छात्र नेताओं को यह आशंका है कि आर्मी चीफ एक बार फिर शेख हसीना की आवामी लीग के लिए रास्ता बना रहे हैं. यही कारण है कि जिन लोगों के हाथ में अभी बांग्लादेश की बागडोर है, वह आर्मी की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. इसी को देखते हुए आर्मी चीफ ने आगे किसी बड़े आंदोलन से निपटने की अपनी तैयारियां पहले से शुरू कर दी हैं. ढाका में सैनिकों के जमा होने के निर्देश को इसी तैयारी के लिहाज से देखा जा रहा है.
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