नई दिल्ली। क्या आपकी जेब में रखे करेंसी नोट और सिक्कों (currency notes and coins) में बदलाव होने जा रहा है? क्या जेब में रखे सिक्कों और नोट को पहचानने में नेत्रहीन व्यक्तियों को मुश्किल आ रही है? अब इस बात की पड़ताल विशेषज्ञों (experts) की टीम को सौंपी गई है। बंबई उच्च न्यायालय(Bombay High Court) ने सोमवार को विशेषज्ञों से देश में रुपये तथा सिक्कों को दृष्टिबाधित लोगों के लिये और अनुकूल बनाने के बारे में सुझाव देने को कहा है।
क्या है रिजर्व बैंक का जवाब
भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) ने इससे पहले अदालत को बताया था कि उसने रुपये में स्पर्श से जुड़ी कई विशेषताओं को शामिल किया है ताकि दृष्टिबाधित लोग उन्हें आसानी से पहचान सकें। उसके बाद अदालत ने याचिकाकर्ता के वकील उदय वरुंजीकर से इस बारे में विशेषज्ञों की राय लेने को कहा। पीठ ने कहा, ‘‘कुछ विशेषज्ञों के सुझाव लें कि सिक्कों और रुपये को ‘डिजाइन’ करने के लिये कौन से उपाय और तरीके अपनाये जा सकते हैं जिससे वे पूरी तरह से या आंशिक रूप से दृष्टिबाधित लोगों के अनुकूल हों।’’ अदालत मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद करेगी।
7% भारतीय के पास डिजिटल करेंसी
डिजिटल करेंसी (digital currency) को लेकर एक चौंकाने वाला रिपोर्ट सामने आया है। संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का इस्तेमाल अभूतपूर्व दर से बढ़ा है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत में सात फीसदी से अधिक आबादी के पास डिजिटल करेंसी है। संयुक्त राष्ट्र की व्यापार एवं विकास संस्था यूएनसीटीएडी ने कहा कि 2021 में क्रिप्टोकरेंसी रखने वाली आबादी की हिस्सेदारी के लिहाज से 20 शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में से 15 विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाएं थीं। इस सूची में 12.7 फीसदी के साथ यूक्रेन शीर्ष पर है। उसके बाद रूस (11.9 फीसदी), वेनेजुएला (10.3 फीसदी), सिंगापुर (9.4 फीसदी), केन्या (8.5 फीसदी) और अमेरिका (8.3 फीसदी) है।
भारत में लॉन्च होगा डिजिटल रुपी
वित्त मंत्री ने बजट के दौरान बताया कि देश में इसी साल डिजिटल रुपया जारी किया जाएगा। रिजर्व बैंक ने डिजिटल रुपया लाने की पूरी तैयारी कर ली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आम बजट पेश करते हुए कहा कि रिजर्व बैंक की ओर से 2022-23 से ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके ‘डिजिटल रुपया’ पेश करने का प्रस्ताव है। वित्त मंत्री ने कहा कि निवेश को बढ़ावा देने के लिए 2022-23 में राज्यों को एक लाख करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्यों को 2022-23 में जीएसडीपी के चार प्रतिशत तक राजकोषीय घाटे तक की अनुमति होगी।
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