नई दिल्ली। इस साल की शुरुआत से ही सोने की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी (Record rise in gold prices) बनी हुई है। एक जनवरी को इसका भाव 77,700 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो 19 मार्च तक बढ़कर 91,950 रुपये तक पहुंच गया है। यानी करीब पिछले ढाई महीनों में सोने की कीमतों में 14 हजार रुपये से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है। बाजार के जानकारों का कहना है कि यह रफ्तार इस साल आगे भी जारी रही तो जल्द ही सोना एक लाख का स्तर छू सकता है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटीज और करेंसी के प्रमुख अनुज गुप्ता ने बताया कि पिछले पांच सालों में सोने की कीमतों में आई तेजी के पीछे मुख्य कारण इसकी लगातार बढ़ती मांग है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच चीन और भारत समेत कई देशों के केंद्रीय बैंक अपने गोल्ड रिजर्ब को बढ़ा रहे हैं, जिससे इस प्रवृत्ति को और बढ़ावा मिल रहा है।
मौजूदा माहौल में पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव और डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के तहत व्यापार युद्ध की आशंकाओं ने वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता पैदा कर दी है, जिससे सुरक्षित निवेश की मांग बढ़ने के कारण सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं।
इस साल रुझान तेज हुआ
गुप्ता ने कहा कि सोने-चांदी के प्रति निवेशकों का रुझान अभी तेज बना हुआ है। जनवरी 2025 से सोना और चांदी ही एकमात्र निवेश परिसंपत्ति हैं, जो दूसरों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। गुप्ता के अनुसार, लॉन्ग टर्म में सोने की कीमतें एक लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती हैं।
निवेशकों का रुख भी बदला
गुप्ता कहना है कि सोने के बारे में लोगों की धारणा में काफी बदलाव आया है। अब निवेशक सोने को आभूषण के रूप में नहीं बल्कि निवेश के रूप में ले रहे हैं, इसलिए हमने सोने की छड़ों और सोने के सिक्कों की भारी मांग देखी है। यह मांग लगातार बढ़ रही है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिति
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में, हाजिर सोना 3,039.22 डॉलर प्रति औंस हो गया। कमोडिटी मार्केट के जानकारों का कहना है कि अगर मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव और मुद्रास्फीति बनी रही तो 2025 के अंत तक सोना 4,000 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है। हालांकि, यदि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार होता है तो सोने में निवेशक भावना कमजोर भी हो सकती है।
इसलिए बढ़ रहे भाव
1. बढ़ते वैश्विक तनाव के चलते सुरक्षित निवेश की मांग बढ़ी
2. दुनियभर के केंद्रीय बैंकों ने सोने की खरीदारी बढ़ाई
3. गोल्ड ईटीएफ में निवेश रिकॉर्ड निवेश हुआ
4. अमेरिकी फेड की नीतिगत बैठक का इंतजार
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