नई दिल्ली: टीम इंडिया वर्ल्ड कप की तैयारी में जुटी हुई है. वनडे वर्ल्ड कप के मुकाबले 5 अक्टूबर से 19 नवंबर तक खेले जाने हैं. इससे पहले टीम अभी वेस्टइंडीज के दौरे पर है. पहले दोनों मैच में भारतीय बैटर बुरी तरह फ्लॉप रहे. शुभमन गिल से लेकर सूर्यकुमार यादव तक अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे.
विकेटकीपर बैटर ईशान किशन को दोनों मैच में ओपनिंग करने का मौका मिला और उन्होंने दोनों ही मैच में अर्धशतक भी ठोका. ऐसे में क्या उन्हें वर्ल्ड कप में भी ओपनिंग करने का मौका मिलेगा, यह देखना होगा. हालांकि कोच राहुल द्रविड़ शुभमन गिल के खराब प्रदर्शन से चिंतित नहीं हैं. उन्होंने दूसरे वनडे में मिली हार के बाद कहा कि गिल तीनों फॉर्मेट के हमारे अहम प्लेयर्स में से एक हैं.
विकेटकीपर बैटर ईशान किशन ने पहले वनडे में 52 तो दूसरे मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ 55 रन बनाए. दूसरे मैच में टीम इंडिया पहले खेलते हुए सिर्फ 181 रन ही बना सकी थी. मेजबान विंडीज ने इस मैच को 6 विकेट से जीता. सीरीज 1-1 से बराबर हो गई है. सीरीज का तीसरा और अंतिम मुकाबला 1 अगस्त मंगलवार को खेला जाएगा.
ईशान किशन बाएं हाथ के बैटर हैं और पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री टॉप ऑर्डर में बाएं हाथ के बल्लेबाज शामिल करने की बात कहते रहे हैं. अभी टॉप ऑर्डर में ऐसे खिलाड़ी की कमी है. 25 साल के ईशान का वनडे का रिकॉर्ड अच्छा है. वे अब तक 15 पारियों में एक शतक और 5 अर्धशतक लगा चुके हैं.
ईशान किशन 16 वनडे की 15 पारियों में 44 की औसत से 617 रन बना चुके हैं. 210 रन बेस्ट प्रदर्शन है. उनके लिस्ट-ए करियर को देखें, तो ईशान ने 89 पारियों में 3 हजार से अधिक रन बनाए हैं. 5 शतक और 17 अर्धशतक ठोका है. अब बात शुभमन गिल की. 23 साल के बैटर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले मैच में 7 तो दूसरे मैच में 34 रन बनाए. वे ओवरऑल 26 वनडे की 26 पारियों में 61 की औसत से 1352 रन बनाए हैं. 4 शतक और 5 अर्धशतक ठोका है. गिल भी वनडे में दोहरा शतक लगा चुके हैं.
बतौर ओपनर कप्तान रोहित शर्मा का वर्ल्ड कप में खेलना तय है. पिछले 3 साल की बात करें, तो उन्होंने टीम की ओर से 20 मैच खेले हैं. उन पर कप्तानी का दारोमदार होगा. पिछले साल हुए एशिया कप से लेकर टी20 वर्ल्ड कप और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में रोहित की कप्तानी में टीम को हार मिली.
टीम के लिए घर में होने वाला वर्ल्ड कप बेहद अहम है. टीम इंडिया 2011 के बाद से वर्ल्ड कप का खिताब नहीं जीत सकी है. अंतिम बार 2011 में एमएस धोनी की कप्तानी में टीम घर में ही चैंपियन बनी. इसके बाद 2015 और 2019 में हुए वनडे वर्ल्ड की बात करें, तो टीम सेमीफाइनल से आगे नहीं बढ़ सकी.
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