नई दिल्ली (New Delhi) । सरकार (Government) ने 2024-25 के केंद्रीय बजट (Union Budget) में न्यू टैक्स ररिजीम (New Tax Regime) को और बेहतर बनाया है। उम्मीद है कि सरकार के इस कदम से अधिक सैलरीड टैक्सपेयर्स ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) की तुलना में आसान और exemption-free फार्मेट को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे। सीबीडीटी के चेयरमैन रवि अग्रवाल के मुताबिक बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स पहले से ही न्यू टैक्स रिजीम पर स्विच कर रहे थे। अग्रवाल के मुताबिक लेटेस्ट बदलाव से इस प्रक्रिया में और तेजी आने की उम्मीद है।
ओल्ड टैक्स रिजीम के अंत पर अग्रवाल का कहना है कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि न्यू टैक्स रिजीम की स्वीकार्यता कैसे बढ़ती है। अग्रवाल ने न्यू टैक्स रिजीम और बजट में डायरेक्ट टैक्स से संबंधित अन्य प्रमुख फैसलों, जैसे कैपिटल गेन टैक्स में बदलाव, तथाकथित एंजेल टैक्स को खत्म करना और आयकर अधिनियम की योजनाबद्ध व्यापक समीक्षा शामिल है।
अग्रवाल ने कहा, ” हमें टैक्सपेयर्स को फायदा पहुंचाना है, लेकिन साथ में हमें कल्याणकारी योजनाओं के लिए रेवेन्यू भी जुटाना है। इसके लिए कोई समझौता करना होगा।”
दो-तिहाई लोग नई कर व्यवस्था को चुन रहे
ओल्ड टैक्स रिजीम के तुरंत बंद किए जाने की संभावनाओं के सवाल पर अग्रवाल ने कहा कि यह तो समय ही बताएगा, क्योंकि यह न्यू टैक्स रिजीम की स्वीकार्यता पर निर्भर करेगा। उन्होंने बताया कि हमारे पास जो डेटा है, उसके अनुसार दो-तिहाई लोग नई कर व्यवस्था को चुन रहे हैं। यह एक उत्साहजनक संकेत है। आइए देखें कि हम इस वित्तीय वर्ष को कैसे समाप्त करते हैं। इस पर निर्भर करते हुए हम देखेंगे कि पुरानी कर व्यवस्था के संबंध में क्या निर्णय लिया जाना चाहिए?
एक अन्य सवाल अगला पूर्ण बजट कुछ महीनों में आएगा, क्या हम न्यू टैक्स रिजीम में और भी सुधार की उम्मीद कर सकते हैं? इसपर अग्रवाल ने कहा, “हमें वर्तमान में जीना चाहिए। हमने पहले ही पर्याप्त लाभ दिए हैं। हम देखेंगे कि चीजें कैसे आकार लेती हैं। वेतनभोगी वर्ग के हाथों में अधिक लिक्विडिटी के लिए न्यू टैक्स रिजीम के अलावा, हमने कहा है कि अगर अन्य गतिविधियों से टीडीएस काटा गया है, तो क्रेडिट दिया जाएगा। इसी तरह, बिजनेस के लिए भी टीडीएस कम कर दिया गया है।
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