नई दिल्ली। किसी भी अनहोनी (untoward) के बाद परिवार को सुरक्षा देने के लिए ही हम इंश्योरेंस करवाते हैं। लेकिन देखने में आता है कि अक्सर बीमा कंपनियां (insurance companies) क्लेम रिजेक्ट कर देती हैं। वहीं कुछ मामलों में सामने आया है कि बीमा कंपनियां क्लेम की राशि का घटा कर मुआवजा (compensation) अदा करती हैं। आखिर बीमा कंपनियां दुर्घटना जैसी स्थिति में भी क्लेम को रिजेक्ट क्यों कर देती हैं? क्या लापरवाही या नियमों के उल्लंघन करने के चलते यदि कोई एक्सीडेंट होता है, तो इस स्थिति में क्या बीमा कंपनी क्लेम रिजेक्ट कर देगी?
टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की सड़क हादसे (road accident) में मौत की घटना ने दुर्घटना के मामलों में बीमा दावों को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। आइए बीमा कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों से जानते हैं कि दुर्घटना के मामलों में बीमा क्लेम के नियम क्या हैं?
मानवीय त्रुटि पर भी मिलता है बीमा का लाभ
बीमा उद्योग (insurance industry) की कंपनियों का कहना है कि बीमा जोखिम से बचाव के लिए खरीदा जाता है चाहे उसके पीछे मानवीय गलती हो या कुछ और हो। उद्योग का कहना है कि मानवीय त्रुटि या नियमों के उल्लंघन की स्थिति में भी बीमा पॉलिसी का पूरा लाभ मिलता रहेगा और दुर्घटना में मृत्यु के दावों को स्वीकार किया जाता रहेगा। हालांकि, असाधारण मामलों में मुआवजे की राशि कम की जा सकती है।
मानवीय लापरवाही के कारण ही होते हैं हादसे
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी में प्रमुख (जोखिम निर्धारण एवं दावा) संजय दत्ता ने कहा, ‘‘ज्यादातर हादसे मानवीय लापरवाही से होते हैं। पॉलिसी खरीद लेने पर लापरवाही से होने वाले हादसे भी इसके दायरे में आते हैं।’’ बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक तपन सिंघला ने कहा, ‘‘बीमा लेने वाले के पास व्यापक मोटर बीमा पॉलिसी है तो इसकी शर्तों के अनुसार वाहन को क्षति होने पर भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा वाहन में सवार लोगों को हो सकने वाला जोखिम भी पॉलिसी के दायरे में आता है।’
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