नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या मामले में दोषी बलवंत सिंह राजोआना की याचिका पर सोमवार को सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मौत की सजा को कम करने संबंधी बलवंत सिंह राजोआना की याचिका पर दो महीने में फैसला लेने को कहा है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि सह-दोषियों की लंबित अपीलें मौत की सजा को कम करने संबंधी बलवंत सिंह राजोआना की याचिका पर फैसला लेने के रास्ते में नहीं आएंगी.
बलवंत सिंह राजोआना को 2007 में सुनाई गई थी सजा
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या मामले (Beant Singh Murder Case) में बलवंत सिंह राजोआना (Balwant Singh Rajoana) को विशेष अदालत ने साल 2007 में मौत की सजा सुनाई थी. पिछले करीब 26 सालों से वो जेल में बंद है और करीब 9 साल से उसकी दया याचिका पेंडिंग है. अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा बदलने के लिए दायर अर्जी पर 2 महीने में फैसला ले.
आजीवन कारावास में बदलने का किया था अनुरोध
बलवंत सिंह राजोआना (Balwant Singh Rajoana) ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या मामले में खुद को सुनाई गई मौत की सजा को लगभग 26 साल से जेल में कैद होने के आधार पर आजीवन कारावास में बदलने का अनुरोध किया है. सुप्रीम कोर्ट राजोआना की उस याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें उसने इस आधार पर मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने की अपील की है कि वह 26 साल से जेल में है. जस्टिस उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मामले में शीर्ष अदालत में अन्य सह-दोषियों की अपीलों का लंबित होना बलवंत सिंह राजोआना (Balwant Singh Rajoana) की याचिका पर फैसला लेने के आड़े नहीं आएगा.
1995 में हुई थी बेअंत सिंह की हत्या
पंजाब पुलिस के पूर्व कॉन्स्टेबल बलवंत सिंह राजोआना (Balwant Singh Rajoana) को 31 अगस्त 1995 को पंजाब सिविल सचिवालय के बाहर हुए एक विस्फोट में संलिप्तता का दोषी ठहराया गया था. इस विस्फोट में बेअंत सिंह और 16 अन्य लोगों की मौत हो गई थी. जुलाई 2007 में एक विशेष अदालत ने बेअंत सिंह हत्या मामले में राजोआना को मौत की सजा सुनाई थी.
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