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    क्या 82 साल पुरानी छत्रीचौक की सब्जी मंडी की सुध लेगा निगम

  • August 04, 2022

    • छत्री चौक जामा मस्जिद के पास बनी सालों पुरानी सब्जी मंडी हो चुकी है खंडहर-निगम का नया बोर्ड चाहे तो बढ़ सकती है विभाग की आय

    उज्जैन। स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर विकास की अनेक योजनाओं पर काम चल रहा है। लेकिन नगर निगम का ध्यान शहर की सबसे पुरानी सब्जी मंडी पर नहीं जा रहा है। पुराने शहर के बीच 82 साल पुरानी सब्जी मंडी की इमारत जर्जर हो गई है और यहां 150 से ज्यादा दुकानदार नाममात्र का किराया सालों से नगर निगम को चुका रहे हैं। यहां के विकास एवं नई इमारत बनाने का अब तक कोई प्रस्ताव भी नगर निगम की ओर से तैयार नहीं किया है। निगम का नया बोर्ड चाहे तो इसका कायाकल्प कर सकता है और नगर निगम की आय भी बढ़ सकती है। स्मार्ट सिटी में शहर को विकसित करने के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। नगर निगम के पिछले बोर्ड में करीब ढाई साल पहले पारित हुए बजट में छत्री चौक स्थित पानी की टंकी जो हेरिटेज हैं उसे तोड़कर कॉम्पलेक्स बनाने का प्रस्ताव पास किया। वहीं शहर के अन्य स्थानों पर भी नई बिल्डिंग बनाई जा रही है लेकिन पुराने शहर के बीचों बीच 40 हजार स्क्वेयर फीट से अधिक जमीन पर बनी 1938 की यह 82 वर्ष पुरानी इस सब्जी मंडी पर किसी भी जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं दिया।


    जबकि इस सब्जी मंडी में 150 से अधिक सब्जी की दुकानें बनी है तथा सभी दुकानों के साथ नीचे तलघर बने हैं, जिसमें दुकान मालिक सब्जी का भंडारण कर सके, लेकिन पुरानी और जर्जर हो चुकी यह सब्जी मंडी अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है। उस दौरान भाजपा के कुछ पूर्व पार्षदों ने कहा था कि इस सब्जी मंडी को उन्नत करने के लिए स्मार्ट सिटी के अंतर्गत नगर निगम को प्रस्ताव लाना चाहिए था, क्योंकि पुराने शहरवासियों के लिए यह सब्जी मंडी सुविधाजनक है। इसके कुछ माह पूर्व कलेक्टर एवं संभागायुक्त इस सब्जी मंडी को देखने पहुंचे थे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने यहाँ गिरे छत के टुकड़े भी देखे। दुकानदारों ने तत्कालीन कलेक्टर को यहां सुरक्षा और छत से पानी टपकने की समस्या भी बताई थी। इसके बाद भी सरकारी तौर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। मजबूर होकर व्यापारियों ने चंदा किया और मुख्य द्वार पर चैनल गेट लगवाया था और मंडी की मरम्मत भी कराईथी। यहां सब्जी खरीदने पार्षद से लेकर विधायक भी आते हैं लेकिन इस सब्जी मंडी के विकास की योजना अब तक क्यों नहीं बनी यह एक बड़ा प्रश्न है। पूर्व पार्षद फातिमा रौनक ने इस सब्जी मंडी का बड़ा प्रोजेक्ट बनवाया था लेकिन तत्कालीन जिम्मेदारों ने उस प्रोजेक्ट को पास नहीं होने दिया। ऐसे में यह जर्जर सब्जी मंडी उसी दशा में है। अब फिर से शहर की जनता ने नगर सरकार में भाजपा को बहुमत दिया है। लोगों को उम्मीद है कि भाजपा का नया बोर्ड सालों पुरानी छत्री चौक सब्जी मंडी के कायाकल्प का कोई नया प्रस्ताव लाएगा। इससे नगर निगम की आय भी नई दुकानों के किराए से बढ़ेगी। अभी तक यहां सालों से दुकानें लगा रहे नगर निगम के किराएदार पुरानी दर पर ही किराया दे रहे हैं।

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