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इंदौर के नेनौद में बिखेरेंगे खुशियां, माता-पिता से प्यार करना सिखाएंगे

September 16, 2022

खुशियों के लिए 52 जिलों के एक-एक गांव में पहुंचेंगे आनंदक
इंदौर।  मध्यप्रदेश के गांवों को हैप्पीनेस से भरने के लिए राज्य सरकार ने आनंद संस्थान के माध्यम से नई पहल शुरू की है, जिसके तहत इंदौर जिले के नेनौद गांव सहित 52 जिलों के गांवों को चिन्हित किया गया है। खुशियां बिखेरने के लिए पांच-पांच वालेन्टिर तैयार किए जा रहे हैं, जो बच्चों को माता-पिता से प्यार करना, ग्रामीणों को कत्र्तव्य निर्वहन, आपसी सद्भाव, पशुओं से प्रेम और खुश रहने के तरीके सिखाएंगे।


मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश के 52 जिलों के एक-एक गांव को चिन्हित कर उन्हें मॉडल के रूप में विकसित कर रही है। जिले के कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ द्वारा गांव का चयन कर सूची भेजी गई थी, जिसके अनुसार इंदौर के नेनौद गांव का चयन आनंद ग्राम के रूप में किया गया है। विभाग द्वारा इन क्षेत्रों से 5-5 वालेन्टियर का चयन कर उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है। आपसी सद्भाव मेल मिलाप, रहन-सहन के तरीके सिखाने के साथ-साथ नैतिकता की जिम्मेदारी भी सिखाई जाएगी। इन पांच वालेन्टियर के रूप में गांव के पंच, सरपंच, पूर्व सरपंच, शिक्षकों को चिन्हित किया गया है। ये लोग खुद आकर गांव में हैप्पीनेस चलाने की ट्रेनिंग दे रहे हैं।


नेकी की दीवार अब हर घर में
आनंद ग्राम मूल कल्पना को जाहिर करते हुए अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीणों को एक-दूसरे की मदद के लिए तैयार करना, मकान निर्माण, खेती-किसानी, शादी-ब्याह या किसी भी घर में कोई भी सुख-दुख का मौका हो तो उसके लिए पूरा गांव तत्पर रहे। इसी भाव को ग्रामीणों में जगाने, छोटे-छोटे विवादों को सुलझाने, परिवार को एकजुट रखने और नशाखोरी से दूर रहने की समझाइश दी जाएगी। आनंदम ग्राम का कार्य संभाल रहे अधिकारी विजयकुमार मेवाड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि आनंद उत्सव, आनंद सभा के माध्यम से यह कार्यक्रम शुरू किया गया था। अल्पविराम योजना के तहत खुद के आत्मा की आवाज सुनने की परिकल्पना को साकार किया गया है, जिसके तहत शहरों में भी कई संस्थान नेकी की दीवार के माध्यम से जरूरतमंदों को नि:शुल्क सामग्री, दवाइयां, कपड़े उपलब्ध करा रहा है।


ग्रामीणों के बाद शहरों में भी चलेगी
2016 में शासकीय एवं अशासकीय कर्मचारियों और अधिकारियों को मानसिक, शारीरिक तनाव से दूर करने के लिए शुरू की गई योजना के तहत अब अल्पविराम के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में खुशियां बांटी जा रही हैं, जिसके बाद यदि प्रयोग सफल रहा तो शहर में निवास कर रहे इंदौरियों को भी उनकी मूल कत्र्तव्य और नैतिकता का पाठ याद कराया जाएगा। इंदौर जिले के अलोहा लाइफ ऑफ हैप्पीनेस फुलफिलमेंट कोर्स की ट्रेनिंग लेकर 100 से अधिक वालेन्टियर ट्रेनिंग दे रहे हैं। राज्य आनंद संस्थान द्वारा प्रत्येक शुक्रवार को ऑनलाइन प्रोग्राम भी जारी करती है। इसके तहत अल्पविराम प्रशिक्षण, आनंद ग्राम बस्ती, आनंद क्लब का गठन, बाल संस्कार केंद्र, आनंद उत्सव व आनंद सभाएं आयोजित की जा रही हैं।

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