नई दिल्ली। हाल ही में कच्चा तेल (Crude Oil) उत्पादक देशों के बीच होने वाली है. वैश्विक स्तर (Global Level) पर मांग को देखते हुए इस बार की बैठक के पहले ये कयास लगाए जा रहे है कि क्रूड के उत्पादन (Production) को बढ़ाया जाएगा. इसके उत्पादन का एक मुख्य कारन यह भी हो सकता है कि वैश्विक
अर्थव्यवस्था (Global Economy)में अब रिकवरी देखने को मिल रही है.
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस सप्ताह होने वाली बैठक में OPEC+ समूह कच्चे तेल (Crude Oil) का उत्पादन बढ़ाने से जुड़ा बड़ा फैसला ले सकते है . इसका सीधा असर कच्चे तेल के भाव पर पड़ेगा जिससे कि कच्चे तेल के भाव कम होने की उम्मीद भी बढ़ेगी.
विशेष कर, भारत के लिए, जहां पेट्रोल-डीज़ल के भाव लगातार बढ़ रहे हैं. बैठक से पहले इस समूह में अधिकतर देशों का मानना है कि अगर उत्पादन बढ़ाया जाता है तो तेल की खपत भी बढ़ेगी. हालांकि, कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स में OPEC+ देशों की इस समूह द्वारा उत्पादन बढ़ाने के लिए सऊदी अरब और रूस में मतभेद की भी बात सामने लायी जा रही है.
वैसे उत्पादन बढ़ाने को लेकर सऊदी अरब का नज़रिया अब भी सतर्क दिखाई दे रहा उसके विपरीत रूस उत्पादन बढ़ाने के मूड में है. इन सबके बीच गुरुवार को होने वाले बैठक में क्रूड ऑयल का उत्पादन 15 लाख बैरल (Barrel) प्रतिदिन तक बढ़ाया जा सकता है।
तेल उत्पादकों को पिछले साल नुकसान उठाना पड़ा था
अगर बैठक में तेल उत्पादक देशों के बीच प्रोडक्शन बढ़ाने की सहमति बनती है तो इससे यह भी साफ हो जाएगा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अब कोरोना की मार से उबर रही है. क्रूड उत्पादक देशों के लिए पिछला एक साल चुनौतीपूर्ण रहा है. चूँकि वैश्विक स्तर पर लॉकडाउन(Lock Down) के बाद दुनियाभर में ईंधन की मांग रिकॉर्ड स्तर पर कम हो चुकी थी तो पिछले साल उन्हें इतिहास में सबसे बड़े आउटपुट कटौती तक का फैसला लेना पड़ा । पर अब उसके बाद बीते कुछ महीनों में इन देशों को फायदा भी हुआ है जब कच्चे तेल का भाव फिर 60 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचा था।
अब स्थिति अच्छी है तेल उत्पादकों के लिए
OPEC सचिव जनरल मोहम्मद बारकिंदो के हवाले से Bloomberg ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि स्थिति अब बेहतर हो रही है ऐसा ‘वैश्विक आर्थिक रिकवरी और ऑयल मार्केट में संभावनों से पता चलता है , उन्होंने कहा कि अब वो स्थिति नहीं है जैसी पिछले साल अनिश्चितताओं के बीच बाजार की थी।
बैठक में दो मामलो पर चर्चा
मंगलवार को ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) का भाव 1.6 फीसदी तक कम होकर 62.70 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है. हालांकि, पिछले साल की सामान अवधि की तुलना में यह अभी भी करीब 20 फीसदी अधिक है. इस सप्ताह होने वाली बैठक में ओपेक प्लस देशों का समूह दो बातों पर प्रमुखता से चर्चा करने वाला है. इसमें पहला तो यह है कि अप्रैल में ये देश एक साथ मिलकर प्रति दिन 5 लाख बैरल तक उत्पादन बढ़ाएंगे या नहीं. जबकि, दूसरा मुद्दा यह भी होगा कि सऊदी अरब कैसे अतिरिक्त सप्लाई कटौती को कम करेगा. क्या यह चरणबद्ध तरीके सो होगा? फरवरी और मार्च के लिए सउदी अरब (Saudi Arab) ने 10 लाख बैरल प्रतिदिन की अतिरिक्त सप्लाई घटाने का फैसला लिया था.
ऐतिहासिक कटौती करनी पड़ी थी पिछले साल
सऊदी अरब अब जो भी फैसला ले, एक बात तो तय है. कच्चे तेल के वैश्विक बाजार में पिछले साल अगस्त के बाद से अब तक का सबसे बड़ा सप्लाई बूस्ट (Supply Boost)मिलने वाला है. पिछले साल अप्रैल में तेल उत्पादक देशों को उत्पादन में हर दिन 97 लाख बैरल तक की कटौती करनी पड़ी थी. अगर अब उत्पादन बढ़ता है तो सब फिर ट्रैक पर आ सकता है
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