इंदौर। सिंहासा के आईटी पार्क की अधिकांश जमीनें उससे जुड़ी कम्पनियों को आवंटित की गई है, जिसे अब स्टार्टअप हब के रूप में भी विकसित किया जाएगा। 112 एकड़ में से 100 एकड़ जमीनों का आबंटन हो चुका है और कई बहुराष्ट्रीय कम्पनियां भी इंदौर में अपने दफ्तर खोलना चाहती है। यही कारण है कि लॉकडाउन के बाद भी आईटी क्षेत्र में जबरदस्त सफलता मिली और 800 करोड़ रुपए का आईटी निर्यात सालभर में बढ़ गया। आज स्टार्टअप पॉलिसी के संबंध में कर्टन रेजर का आयोजन किया गया है, जिसमें विभागीय मंत्री, उद्योग आयुक्त, कलेक्टर सहित अन्य अधिकारी और कम्पनियों के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।
अभी 13 मई को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में ही मध्यप्रदेश की स्टार्टअप पॉलिसी के शुभारंभ का आयोजन रखा गया है, जिसमें वर्चुअली प्रधानमंत्री भी जुड़ेंगे और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान इस आयोजन में इंदौर आकर शामिल होंगे। नतीजतन उद्योग विभाग के अधिकारियों को इस आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। महाप्रबंधक एके चौहान ने अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है।
वहीं आज सुबह 10 बजे से ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में ही सुक्ष्म, लघु, मध्यम, उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा व सांसद शंकर लालवानी की मौजूदगी में कर्टन रेजर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। भोपाल से उद्योग आयुक्त पी. नरहरि भी इंदौर पहुंचे। वहीं कलेक्टर मनीष सिंह, डॉ. निशांत खरे, सावन लड्ढा, नवीन खंडेलवाल भी इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करेंगे और कम्पनियों के प्रतिनिधि भी अपने अनुभव साझा करेंगे।
दूसरी तरफ मध्यप्रदेश इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम महाप्रबंधक द्वारके सर्राफ ने बताया कि सालभर में ही 30 हजार से अधिक आईटी और उससे जुड़े पेशेवरों को रोजगार मिला और एसीझेड में जो आईटी कम्पनियां मौजूद हैं उन्होंने 1771 करोड़ रुपए के आईटी निर्यात किए। सालभर में ही लगभग 800 करोड़ रुपए की वृद्धि इसमें हुई है।
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