वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने यमन के हूतियों के खिलाफ अमेरिका और ब्रिटिश हवाई हमले को रक्षात्मक बताया है। इसी के साथ उन्होंने चेतावनी दी है कि ईरान समर्थित विद्रोही अगर लाल सागर में हमले करना जारी रखता है तो इसके खिलाफ उचित कदम उठाया जाएगा। हूतियों ने बताया कि वे गाजा में इस्राइल के हमले का जवाब दे रहे हैं और उन्होंने हमले के कारण यमन में हुए नुकसान का बदला लेने की कसम खाई है।
बाइडन ने बताया कि क्षेत्र में अमेरिका का हस्तक्षेप करना आवश्यक था, क्योंकि हूतियों का यह हमला लाल सागर में जहाजों के परिवहन की स्वतंत्रता के लिए खतरा बन रहा था। अपने एक बयान में बाइड ने कहा कि इस तरह के हमले अमेरिकी सुरक्षाबलों के लिए, नाविकों और हमारे व्यापार साझेदारों के लिए भी खतरा था।
उन्होंने बताया कि 27 बार हूतियों द्वारा जाहाजों पर किए गए हमले जिसमें जहाज रोधी बैलिस्टिक मिसाइल हमला भी शामिल था, के बाद अमेरिका द्वारा हमला किया गया था। इस हमले का ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा, डेनमार्क, जर्मनी, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड भी समर्थन कर रहा है। बाइडन ने हूतियों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे लोगों और वाणिज्य के मुख्त प्रवाह की रक्षा करने के लिए संकोच नहीं करेंगे।
अमेरिका के अधिकारियों ने बताया कि नौ जनवरी को हूतियों द्वारा बड़े हमले के बाद बाइडन सरकार को कार्रवाई करने पर मजबूर होना पड़ा। अमेरिका और ब्रिटिश हवाई हमले ने करीब 20 मिसाइलों और ड्रोनों को मार गिराया। अधिकरियों ने कहा कि यदि यह रक्षात्मक मिशन नहीं होता तो शायद कई जहाजों पर हमला किया जाता। इस हमले में केवल हूतियों के मिसाइलों को निशाना बनाया गया था और इस हमले में क्षति का आकलन अभी भी स्पष्ट नहीं हो पाया है।
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