जयपुर. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति मामले में बड़ी राहत दी है. सरकार के नए निर्देश के बाद अब सिर्फ 45 दिनों के भीतर अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी. अब तक आवेदन की प्रक्रिया जटिल होने कारण समय पर अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाती थी और आवेदकों को विभागों के चक्कर लगाने पड़ते थे.
अब राज्य सरकार ने नोडल अधिकारी और केस अधिकारी नियुक्त कर उनकी ज़िम्मेदारी तय कर दी है. कार्मिक विभाग ने सभी ज़िला कलेक्टरों, ACS और सचिवों को परिपत्र जारी कर दिया है. नई व्यवस्था के तहत किसी राजकीय कर्मी की सेवाकाल में मौत होने पर केस प्रभारी परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति दिलवाएगा.
क्या होगी अफसरों की ज़िम्मेदारी?
कुल मिलाकर अब अनुकंपा नियुक्ति के मामलों का अगर समय सीमा के भीतर निपटारा नहीं होता है या अनावश्यक देर होती है, तो इसके लिए केस प्रभारी व नोडल अफसर को ज़िम्मेदार माना जाएगा. यह अहम बात है क्योंकि मृत सरकारी कर्मचारियों के परिजनों को महीनों, यहां तक कि कुछ मामलों में सालों तक इंतज़ार करना पड़ता था कि उन्हें अनुकंपा नियुक्ति मिले.
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