नई दिल्ली। बिहार (Bihar) में भाजपा के साथ मिलकर नई सरकार बनाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) को 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करना है। रिपोर्ट्स के अनुसार इसे देखते हुए रविवार को कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश में अपने विधायकों को हैदराबाद (Hyderabad) के लिए रवाना कर दिया है। इससे पहले झारखंड में भी झारखंड (Jharkhand) मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने अपने विधायकों को हैदराबाद भेजा था।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते दिनों राज्य में महागठबंधन और आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन से किनारा कर लिया था। इसके बाद उन्होंने भाजपा से हाथ मिलाते हुए फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसी की वजह से अब उन्हें विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा। अभी तक भाजपा विरोधी रुख दिखाते आए नीतीश कुमार ने चुनाव से ठीक पहले भगवा दल से हाथ मिलाया है।
शनिवार को दिल्ली में बिहार कांग्रेस के विधायकों की एक बैठक हुई थी। इस बैठक में 19 में से 17 विधायकों ने शिरकत की थी। ऐसे में उनमें कोई टूट न हो जाए यह सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस ने उन्हें हैदराबाद भेजने का फैसला लिया है। राज्य की नई एनडीए सरकार को बिहार विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन बहुमत साबित करना था। लेकिन अब यह तारीख 12 फरवरी कर दी गई है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि राज्यपाल 9 से 11 फरवरी तक उपलब्ध नहीं रहेंगे।
इस समय 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में भाजपा के 78 विधायक हैं। वहीं, अब एनडीए का हिस्सा नीतीश कुमार की जदयू के 45, हम (हिंदुस्तान अवाम मोर्चा) के 4 और एक निर्दलीय विधायक है। बहुमत के लिए 122 विधायकों की जरूरत होती है। ऐसे में कुल 128 विधायकों के साथ बहुमत साबित करने में नीतीश को कोई चुनौती मिलती नहीं दिख रही है। राज्य में नीतीश कुमार के साथ दो उपमुख्यमंत्री भी शपथ ले चुके हैं।
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