अहमदाबाद: गुजरात की राजनीति में पाटीदार (Patel) समुदाय निर्णायक है. इन पाटीदारों में भी एक असरदार वर्ग है लेउवा पटेल (Leuva Patel), जिसका प्रमुख धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक संगठन ‘खोडलधाम ट्रस्ट’ (Khodaldham Trust) है. इस ट्रस्ट के प्रभावशाली प्रमुख नरेश पटेल कुछ दिन-महीने से लगातार गुजरात से बाहर देश की सुर्खियों में हैं. उनके राजनीति में आने की चर्चा है. इस पर बुधवार, 27 अप्रैल को होने वाली ट्रस्ट की बैठक में विचार हो सकता है.
खबरों के मुताबिक, इस बैठक के बारे में पूछे जाने पर नरेश पटेल ने खुद मीडिया के प्रतिनिधियों से कहा है, ‘बातें हो रही हैं तो बैठक में कुछ न कुछ तो चर्चा होगी ही. वैसे, यह सामान्य वार्षिक बैठक है. इसमें ट्रस्ट के सदस्य अब तक गतिविधियों की प्रगति देखेंगे. कामकाज की समीक्षा करेंगे. इसके अलावा बैठक का कोई विशेष एजेंडा नहीं है.’ इसी तरह, ट्रस्ट के प्रवक्ता हंसमुख लुनागरिया ने कहा, ‘हाल ही में चली चर्चाओं और हुए घटनाक्रमों की छाया ट्रस्ट की बैठक में नहीं दिखेगी. वे सब अलग मामले हैं. जबकि ट्रस्ट की गतिविधियां अलग तरह से संचालित होती हैं.’
चर्चाओं के तीन केंद्र- प्रशांत किशोर, हार्दिक पटेल और खुद नरेश
खबरों की मानें तो नरेश पटेल से जुड़ी चर्चाओं के तीन केंद्र हैं. पहले तो खुद नरेश पटेल हैं, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वे राजनीति में आना चाहते हैं. कांग्रेस के लिए खुद को उपयुक्त पाते हैं. बशर्ते, कांग्रेस पार्टी उन्हें उनकी प्रतिष्ठा के अनुरूप बड़ी भूमिका दे. बताया जाता है कि इस बाबत उन्होंने बीते दिनों ‘कांग्रेस पुनरुद्धार योजना’ (Congress Revival Plan) पर काम कर रहे चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election Strategist Prashant Kishore) से दिल्ली में मुलाकात की थी.
कहा तो यहां तक जाता है कि प्रशांत किशोर ने कांग्रेस नेतृत्त्व को दिए अपने प्रस्तुतिकरण के दौरान नरेश पटेल की वकालत भी की. यह कहते हुए कि यदि गुजरात में उन्हें पार्टी का चेहरा बनाया इससे आने वाले विधानसभा चुनाव में लाभ हो सकता है. लेकिन जैसे ही इन चर्चाओं को हवा मिली एक अन्य पाटीदार नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel) नाराज हो गए. पाटीदार आरक्षण आंदोलन की अगुवाई करने के बाद से दुनियाभर की निगाह में आए युवा नेता हार्दिक अभी गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. लेकिन उनके बारे में कहा जा रहा है कि वे नरेश पटेल के पार्टी में आने पर कांग्रेस छोड़ सकते हैं.
आंतरिक सर्वे में नरेश पटेल को राजनीति के लिए ‘न’!
इधर, खोडलधाम ट्रस्ट द्वारा अपने समुदाय के बीच एक आंतरिक सर्वे कराया गया है, ऐसा भी कहा जा रहा है. इस सर्वे में शामिल 70% लोगों ने राय दी है कि नरेश पटेल को राजनीति में नहीं आना चाहिए. इस बाबत ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से बातचीत के दौरान नरेश कुछ घुमा-फिराकर कहते, ‘नहीं, लोगों ने ऐसा नहीं कहा कि मुझे राजनीति में नहीं आना चाहिए. बल्कि उनका आशय ये है कि अगर मैं राजनीति से दूर रहूं तो यह बेहतर होगा. दरअसल, वे मेरे अपने लोग हैं. माताएं, भाई, बहन, बुजुर्ग. उन्हें मेरी चिंता है. इसलिए वे मुझे राजनीति से दूर रहने का मशविरा दे रहे हैं.’ हालांकि, सच क्या है और क्या होगा, यह अगले कुछ दिनों में पता चल ही जाएगा.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved