लखनऊ: जहां एक तरफ विपक्ष एकजुट हो रहा है, तो वहीं उत्तर प्रदेश की एक बड़ी नेता मायावती पीछे छूट गई हैं. अब इसमें उनकी अपनी नीति है या गठबंधन दलों ने खुद उन्हें साथ लाने से इनकार किया, यह एक अलग चर्चा का विषय है, लेकिन समाजवादी पार्टी के एक नेता चाहते हैं कि उन्हें इंडिया गठबंधन में जरूर शामिल करना चाहिए. शफीकुर रहमान संभल में सपा के नेता हैं. कहते हैं गठबंधन में तो मायावती और असदुद्दीन ओवैसी दोनों को शामिल करना चाहिए.
इंडिया गठबंधन में अभी तक 28 पार्टियां शामिल हुई हैं. इन दलों की तीन मीटिंग हो चुकी है और इस दरमियान ना तो मायावती और ना ही असदुद्दीन ओवैसी को शामिल करने पर चर्चा हुई. ओवैसी कहते हैं कि इससे उन्हें कोई परवाह नहीं है. गठबंधन में तो मायावती भी नहीं हैं, केसीआर भी नहीं हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए एक थर्ड फ्रंट बनाने की अपील की. विपक्षी गठबंधन की नीति को उन्होंने ‘सेल्फ स्टाइल सेकुलरिज्म का चौधरी’ करार दिया.
थर्ड फ्रंट बनाने का असदुद्दीन ओवैसी का सुझाव
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने बीते कुछ महीनों में केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था लेकिन फिलहाल उनकी तरफ से ऐसा कोई ठोस बयान नहीं आया है. उन्होंने बिहार से लेकर बंगाल तक की यात्रा की. माना जा रहा था कि थर्ड फ्रंट के लिए केसीआर सीरियस हैं लेकिन अब जहां एक दूसरा मोर्चा ‘INDIA’ के रूप में काम करना शुरू कर दिया है, केसीआर ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाए. एआईएमआईएम चीफ ओवैसी का कहना है कि केसीआर से इस बारे में उन्होंने बात भी की. बताया कि उत्तर पूर्व की कई पार्टियां हैं जो इंडिया गठबंधन से अलग हैं. राव को उन्होंने थर्ड फ्रंट तैयार करने का सुझाव दिया है.
ओवैसी के गुप्त सहोयगी हैं अमित शाह- पवन खेड़ा
औवेसी के आरोप का जवाब देते हुए पवन खेड़ा ने कहा कि ओवेसी का एक गुप्त सहयोगी है जिसका नाम अमित शाह है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “हम इसे बहुत पहले से जानते थे और अब देश भी इसे जानता है. अमित शाह को महाराष्ट्र में एक रैली करनी थी, लेकिन फिर जब उन्हें पता चला कि कांग्रेस हैदराबाद में एक रैली करेगी, तो वह तेलंगाना आए. ओवैसी नहीं आए. लंबे समय से हैदराबाद में कोई रैली करते रहे हैं लेकिन अब वह भी एक रैली करेंगे. ओवेसी का एक और दोस्त है जो बीआरएस है. तो यह एबीसी (असदुद्दीन ओवेसी, बीआरएस और चाणक्य) है.”
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